Karnal Kisan Andolan: चढूनी ने माना-सचिवालय घेरने के दौरान कुछ युवकों ने पुलिस पर फेंके थे बट्टे
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने माना है कि करनाल में लघु सचिवालय को घेरने के दौरान कुछ युवकों ने पुलिस पर बट्टे फेंके थे। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों से आम जनता के बीच गलत संदेश जाता है। इसलिए अनुशासन बेहद जरूरी।
करनाल, जागरण संवाददाता। किसी भी आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए अनुशासन बेहद जरूरी है। संयम के साथ यह लंबे समय तक चलाया जा सकता है और परिणाम सकारात्मक आते हैं लेकिन बड़े से बड़े आंदोलन भी अनुशासनहीता के कारण टूट जाते हैं। हरियाणा के इतिहास में अलग अलग सरकारों के दौरान हुए किसानों के आंदोलनों का अंजाम भी ऐसा ही रहा था। इनमें नुकसान भी किसानों को झेलना पड़ा तो ये आंदोलन भी करीब एक माह ही चल पाए थे। ऐसे में हमें सीख लेनी चाहिए। कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना है, जिससे जनता के बीच गलत संदेश जाए।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पढ़ाया अनुूशासन का पाठ
लघु सचिवालय के सामने जुटे किसानों को अनुशासन का यह पाठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने पढ़ाया। वीरवार दोपहर बाद करीब तीन बजे उन्होंने अपने संबोधन के दौरान माना कि मंगलवार को जब अनाजमंडी से जिला सचिवालय का घेराव करने यहां पहुंचे तो कुछ युवकों ने पुलिस पर बट्टे फेंके, जो गलत था। हालांकि साथ के किसानों ने उन्हें रोक लिया तो पुलिस ने भी संयम बरता। घेराव के दौरान किसान पुलिस पर हमला करते तो जनता में गलत संदेश जाता और आंदोलन को समर्थन नहीं मिलता। चढूनी ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के बावजूद संयम बनाए रखना चाहिए। यह अनुशासन में चलाए जा रहे आंदोलन का ही परिणाम है कि पूरा देश साथ है। शहर के लोग आधी रात को भी समर्थन देने आ रहे हैं तो अपने-अपने स्तर पर किसानों की सेवा कर रहे हैं।
युवा अपने नेताओं को ही कर देते दरकिनार ?
चढूनी ने कहा कि आंदोलन के बीच कुछ युवा भड़क जाते हैं, जो अक्सर अपने नेताओं को भी दरकिनार कर देते हैं और गलत काम कर बैठते हैं। बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज के दिन एयरपोर्ट पर जा रही दो बसों को उन्होंने खुद मुश्किल से निकाला, जिन्हें युवाओं के रोक लिया था।
कार्यक्रमों का ही करें विरोध
चढूनी ने कहा कि किसानों ने भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध करने का एलान किया हुआ है। अगर कोई नेता व्यक्तिगत तौर पर जा रहा है या बिना सार्वजनिक कार्यक्रम कहीं गया है तो उसका विरोध जायज नहीं है। करनाल में पिछले दिनों अस्पताल में उपचाराधीन अपने पीए से मिलने गए एक विधायक का कुछ युवा किसानों ने विरोध किया, जो गलत था। उन्होंने कहा कि कम से कम मंडल स्तर के किसान नेता की अगुवाई में ही भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध करें और उस दौरान भी अनुशासन न भूलें।