5 साल बाद लौटी खुशियां, करनाल से अपने घर पहुंचेगी झारखंड की बेटी कलिस्ता

पांच साल बाद एक परिवार में झारखंड के खुशियां लौटेंगी। हरियाणा के करनाल से एक बेटी कलिस्‍ता अपने घर झारखंड पहुंचेगी। चाचा चाइल्ड लेबर के लिए छोड़कर फरार हो गया था। करनाल के बाल भवन में मासूम रह रही थी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 09:30 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 09:30 AM (IST)
5 साल बाद लौटी खुशियां, करनाल से अपने घर पहुंचेगी झारखंड की बेटी कलिस्ता
हरमुंडा टोली की रहने वाली कलिस्ता परिवार वालों के साथ।

करनाल, जेएनएन। पिछले पांच वर्ष से परिवार से बिछुड़ी झारखंड की बेटी कलिस्ता मुंडे आखिरकार अब अपने परिवार के बीच होगी। एमडीडी बाल भवन में रह रही 15 वर्षीय इस बेटी के परिवार को आखिर बाल कल्याण समिति ने भरसक प्रयास कर खोज लिया। इसके बाद संपर्क किया तो परिवार के साथ-साथ मासूम के चेहरे पर भी खुशी लौट आई। जल्द ही इस बेटी को परिवार के पास पहुंचाया जाएगा। 

बाल कल्याण समिति के चेयरमैन उमेश चानना के मुताबिक वर्ष 2016 में कलिस्ता अपने चाचा के साथ करनाल आई थी। उसके चाचा इसे चाइल्ड लेबर में लगाकर फरार हो गए थे। इसके उपरांत जिला बाल कल्याण समिति ने नौ वर्षीय कलिस्ता को रेसक्यू कर बाल भवन में भेज दिया था। कई बार कलिस्ता की काउंसिलिंग की गई। इसी क्रम में  हाल ही में की गई काउंसिलिंग के दौरान कलिस्ता ने बताया कि वह हरमुंडा टोली की रहने वाली है।

इंटरनेट पर गांव का नाम खोजने के बाद पता चला कि यह गांव झारखंड के लातिहार जिला में पड़ता है और नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। वहां के एसपी से भी गांव के बारे में पुष्टि होने पर उन्होंने संबंधित थाना इंचार्ज से बच्ची कलिस्ता के परिवार का पता लगाने की बात कही। इसके बाद पता चला कि थाना इंचार्ज भी हरमुंडा टोली के रहने वाले ही निकले और उन्होंने तत्काल कलिस्ता के परिवार का पता लगा लिया। इसके बाद वहां की पुलिस को कलिस्ता की 2016 वाली फोटो शेयर की गई और परिवार की पुष्टि होने पर माता जीरामुनि देवी और पिता धनेश मुंडे से कलिस्ता की बात करवाई गई। बात करने पर कलिस्ता की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। 

चेयरमैन ने बताया कि जल्द ही कलिस्ता को उसके परिवार के पास भिजवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कलिस्ता को भी सिलाई के क्षेत्र में महारत हासिल है। वहीं एमडीडी बाल भवन के संचालक पीआर नाथ का कहना है कि कलिस्ता को सिलाई मशीन के साथ परिवार के पास भेजा जाएगा। वह अभी छठी कक्षा में पढ़ती है। प्रयास किया जाएगा कि स्पोंसरशिप योजना के तहत कलिस्ता की पढ़ाई जारी रहे।

चाइल्ड हेल्पलाइन पर तत्काल दें सूचना

उमेश चानना ने कहा कि कोई भी बच्चा परिवार से न बिछड़े इसके लिए मिलकर प्रयास करने होंगे। बस या ट्रेन में अकेले जा रहे छोटे बच्चों से पूछना चाहिए कि वह कहां जा रहा है और कहां से आया है। यदि लगे कि वह परिवार से बिछड़ गया है तो इसकी सूचना 100 नम्बर पर या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर अवश्य दें, ताकि बच्चे के साथ भविष्य में कोई आपराधिक घटना न घटे और उसे परिवार से मिलाया जा सके।


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