संघर्षों से जूझ खेल में रोशन किया नाम, अब फौज में शामिल हो करेंगी देश की सुरक्षा

कैथल की दो बेटियों का चयन असम राइफल में हुआ है। दोनों बेटियों ने पहले जूडो में पदक लाकर जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया अब फौज में भर्ती होकर देश सेवा करेंगी। आप भी पढ़िए कैसे संघर्षों से जूझकर दोनों बहनों ने सफलता का मुकाम हासिल किया।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:47 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:47 PM (IST)
संघर्षों से जूझ खेल में रोशन किया नाम, अब फौज में शामिल हो करेंगी देश की सुरक्षा
कैथल की दो बेटियों का असम राइफल में चयन।

कैथल, [सुनील जांगड़ा]। कैथल की दो बेटियों ने संघर्षों से जूझ खेल में हरियाणा का नाम रोशन किया है। गांव में प्रैक्टिस शुरू कर पहले जुडो की राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक जीता। अब असम राइफल में शामिल हो देश की रक्षा करेंगी। चंदाना गेट निवासी आशा रानी और गांव सौंगल निवासी ज्योति का चयन हो गया है। एक दिसंबर को असम राइफल में खेल कोटे में चयनित होने वाले खिलाड़ियों की अंतिम सूची जारी की गई है। कुल 141 खिलाड़ियों की सूची में कैथल से दो बेटियों का ही चयन हुआ है। बता दें कि दोनों खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की जूडो स्पर्धाओं में पदक हासिल कर चुकी हैं। करीब छह महीने पहले असम राइफल में भर्ती के लिए पेपर हुआ था। 

तीन खेलों में पदक जीत चुकी है आशा

चंदाना गेट निवासी खिलाड़ी 22 वर्षीय आशा रानी तीन खेलों में पदक जीत चुकी हैं। आशा ने बताया कि पिता मदन लाल का देहांत करीब 16 साल पहले हो गया था। उस समय वह मात्र छह साल की थी। करीब आठ साल पहले कोच राजेश कुमार के पास राजकीय स्कूल कैथल में जूडो खेलना शुरू किया था। घर में मां दर्शना देवी, भाई कुलदीप और बड़ी बहन पूजा जिसकी शादी हो चुकी है। आशा ने 2016-17 में इटावा में हुई जूनियर जूडो राष्ट्रीय स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। लगातार तीन सालों से आल इंडिया यूनिवर्सिटी जूडो स्पर्धा में भाग ले रही हैं। कुराश में 2018 में कर्नाटक में हुई जूनियर राष्ट्रीय स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया था। 2019 में हुई जिला स्तरीय अखाड़ा स्पर्धा में जिला कुमारी का खिताब हासिल किया था। आशा ने अंबाला रोड स्थित इंडोर स्टेडियम में जूडो कोच जोगिंद्र सिंह के पास भी जूडो और कुराश का अभ्यास किया।

पांच साल पहले गांव में शुरू किया था खोलना

गांव सौंगल निवासी खिलाड़ी 20 वर्षीय ज्योति ने बताया कि पांच साल पहले गांव में ही डीपीई संदीप कुमार के पास जूडो खेलना शुरू किया था। उसके बाद कोच चेतन और कोच सोनू ने उन्हें जूडो का अभ्यास करवाया। अब गांव में ही अभ्यास कर रही हैं और करीब 20 खिलाड़ियों को भी अभ्यास करवा रही हैं। पिता रामनिवास खेती करते हैं। घर में मां गुडडो देवी और बड़ा भाई अजय है। अब वह जाट कालेज में बीए फाइनल की पढ़ाई कर रही हैं। साल 2018 में दिल्ली में हुई राष्ट्रीय जूडो स्पर्धा में भाग लिया। 2018 में फतेहाबाद में हुई स्कूली स्टेट स्पर्धा में स्वर्ण पदक। 2019 में कुरुक्षेत्र में हुई आल इंडिया इंटर कालेज स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया। 2019 में कानपूर में हुई आल इंडिया जूडो स्पर्धा में भाग लिया। 2019 में भिवानी में हुई जूनियर स्टेट स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया। अब ज्योति का चयन 13 दिसंबर को कुरुक्षेत्र में होने वाली इंटर कालेज जूडो स्पर्धा के लिए हो चुका है।

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