पांच अध्यापकों ने मिलकर बदल डाली कैथल के इस स्कूल की दशा, बढ़ने लगी विद्यार्थियों की संख्या
कैथल के जाजनपुर की प्राथमिक पाठशाला। भवन के आसपास दोनों तरफ कच्चा मैदान था। गंदगी फैली रहती थी। लोग अपने बच्चों को यहां नहीं भेजते थे। अध्यापकों ने स्कूल को हरा-भरा बनाने की ठानी। पांच साल में स्कूल की दशा-दिशा बदल गई।
कैथल/ढांड [तेजबीर मेहरा]। जब इंसान अच्छी सोच के साथ कोई काम करता है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। ज्यादातर देखने को मिलता है कि सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी तक ही सीमित होते हैं। यदि कोई कर्मचारी अपने ड्यूटी के साथ-साथ समाज हित का कोई काम करता है तो उसको करने से खुशी मिलती है और वह दूसरों के लिए उदाहरण बनता है।
ऐसा ही एक उदाहरण गांव जाजनपुर में प्राथमिक पाठशाला के अध्यापकों ने पेश किया है। स्कूल इंचार्ज अध्यापक जसबीर सिंह ने अपने स्टाफ सदस्य बलकार सिंह, संजय कुमार, नरेश, रामदिया एवं उच्च विद्यालय के चपरासी व माली के साथ मिलकर स्कूल को हरा-भरा बना दिया है। अध्यापक जसबीर बताते हैं कि स्कूल में चार वर्ष पहले तक पेड़-पौधों की संख्या बहुत कम थी और न ही बच्चों के बैठने के लिए पार्क की सुविधा थी। भवन के आसपास दोनों तरफ कच्चा मैदान था। गंदगी फैली रहती थी। इसलिए सभी अध्यापकों ने स्कूल को हरा-भरा बनाने की ठानी। पहले स्कूल में बच्चों व अध्यापकों के बैठने के लिए पार्क तैयार किया। उसके बाद पेड़-पौधे लगाकर स्कूल को हरा भरा बनाया।
चार वर्ष पहले पेड़-पौधों स्कूल में थे नाममात्र
स्कूल के इंचार्ज अध्यापक जसबीर सिंह ने बताया कि चार वर्ष पहले स्कूल में पेड़ पौधे नाममात्र ही थे। सबसे अधिक परेशानी बिल्डिंग के चारों तरफ कच्चा था, जिसके कारण बच्चों को काफी परेशानी होती थी। धूल मिट्टी में बच्चों के कपड़े गंदे हो जाते थे, जिस कारण यहां पर ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं करवाते थे, परंतु अब स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 50 से अधिक बढ़ गई है। अब यहां पर पहली से पांचवीं कक्षा तक 106 विद्यार्थी हैं। जबकि चार वर्ष पहले यह संख्या महज 61 थी। स्कूल में कुल पांच स्टाफ सदस्य कार्यरत हैं, जो पूरी मेहनत के साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं।
ग्राम पंचायत का मिला पूरा सहयोग
जसबीर सिंह ने बताया कि स्कूल में हुए सुधार कार्यों में ग्राम पंचायत व ग्रामीणों का पूरा सहयोग मिला। स्कूल में ब्लाक लगाकर उसको पक्का किया गया ताकि बच्चे सर्दी के मौसम में बाहर धूप में बैठ सकें। ग्रामीणों के सहयोग से स्कूल के भवन के आसपास ब्लाक लगवाए गए हैं । जिस भी काम के लिए ग्रामीणों से सहयोग की बात करते हैं तो सभी ग्रामवासी उसमें बढ़-चढ़कर अपना पूरा सहयोग करते हैं ।
ये पौधे लगाए हैं स्कूल में
अध्यापक बताते हैं कि स्कूल में शहतूत, नीम, सफेदा इत्यादि कई तरह के औषधीय पौधे लगाए हुए हैं। स्कूल का वातावरण अच्छा बना रहे। साथ-साथ शुद्ध ऑक्सीजन मिल सके। जहां पर फलदार और फूलदार पौधे लगा दिए हैं। अब स्कूल में पहुंचते ही यहां हरियाली दिखाई देती है।
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