Kaithal Health Department: स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू के बचाव को लेकर संसाधनों की कमी, कैसे करेंगे बीमारियों से बचाव
कैथल में डेंगू को बचाव को लेकर इस मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है। जिसको लेकर आला अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। जिसमें डाक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है। क्योंकि स्वास्थ्य केंद्रे में डाक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में डेंगू को बचाव को लेकर इस मौसम में सतर्क रहने की जरूरत है। जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास डेंगू से बचाव को लेकर संसाधन ही नहीं हैं। ऐसे में हम डेंगू की बीमारी से कैसे बचाव कर पाएंगे। जिला मुख्यालय में स्थापित अस्पताल में ही डाक्टरों की कमी है। यहां पर डाक्टरों के 55 पद स्वीकृत हैं, जबकि यहां पर केवल 30 डाक्टर ही तैनात है। यहां पर एक ही रेडियोलाजिस्ट है। इसी प्रकार से प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी डाक्टरों का टोटा है।
बता दें कि पूरे जिले में चार सामुदायिक और 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कुल 102 चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। जबकि इनमें से केवल 45 चिकित्सक ही तैनात हैं। पहले कोरोना महामारी और अब मलेरिया और डेंगू का प्रकोप। इन बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा काफी प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में कोरोना महामारी से बचाव को जिले में छह आक्सीजन प्लांट लगाने की योजना है। जिसमें जिला नागरिक अस्पताल में प्लांट को शुरू कर दिया गया है। जबकि अन्य पांच प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। वहीं, मलेरिया और डेंगू के बचाव को लेकर 12 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है। जबकि डेंगू लारवा को लेकर कुल 81 टीमों का गठन किया गया है।
जिले में 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो सात हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
जिले में एक जिला नागरिक अस्पताल, दो उपमंडल स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र, चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जिला नागरिक अस्पताल में जहां आधा स्टाफ है। वहीं, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आधे स्टाफ सदस्य भी कार्यरत नहीं है। इस कारण जहां मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल पाता है, वहीं मौसम के अनुसार होने वाली बीमारयों से बचाव भी नहीं हो पाता है। विभाग द्वारा मलेरिया के लिए लैब टेक्नीशियन के 10 पद स्वीकृत किए गए हैं। जो सभी भर रखे हैं। बता दें कि पिछले वर्ष पूरे जिले में 175 डेंगू के मामले सामने आए थे। इस वर्ष अभी तक कुल सात मामले आ चुके हैं।
यह डाक्टरों की स्थिति
अस्पताल स्वीकृत पद तैनात खाली पद
जिला नागरिक अस्पताल, कैथल 55 30 25
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पुराना अस्पताल 02 02 00
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शक्ति नगर 02 01 01
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, चंदाना गेट 02 01 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सीवन 06 05 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कौल 07 00 07
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पूंडरी 07 06 01
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चीका 11 03 08
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कलायत 11 04 07
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, राजौंद 06 01 05
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फरल 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ढांड 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, टीक 02 01 00
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रसीना 02 00 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पाडला 02 01 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, क्योड़क 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पाई 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हाबड़ी 02 02 00
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मूंदड़ी 02 02 00
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, करोड़ा 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, किठाना 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, जाखौली 02 01 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बालू 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बात्ता 02 00 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, देवबन 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कांगथली 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, भागल 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अरनौली 03 01 02
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अगौंध 03 02 01
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खरकां 03 02 01
सिविल सर्जन कैथल डा. जयंत आहूजा का कहाना है कि कोरोना महामारी व मलेरिया व डेंगू से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। डाक्टरों की समस्या जिला ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की है। इसको लेकर आला अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। जिसमें डाक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है।