Javelin Throw: पानीपत के विक्रांत मलिक ने अंतरराज्यीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता, 17 थ्रोअर ने लिया था हिस्सा
विक्रांत मलिक ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उन्होंने ज्यादातर अभ्यास सिंथेटिक ट्रैक पर किया था। मोदीनगर में हुई प्रतियोगिता घास के मैदान में हुई। इससे पैर का नियंत्रण ठीक नहीं हुआ। नहीं तो थ्रो 80 मीटर के पार भी जा सकता था।
जागरण संवाददाता, पानीपत। कोहनी की चोट से पार पाकर उग्राखेड़ी के विक्रांत मलिक ने अंतरराज्यीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। उत्तर प्रदेश के मोदीनागर में 14 अक्टूबर को हुई इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित कई प्रदेशों के 18 थ्रोअर ने शिरकत की। इसमें विक्रांत ने 79.50 मीटर थ्रो किया। जो कि उनके बेस्ट 77 मीटर से बेहतर है। उत्तर प्रदेश के रिषभ नेहरा ने 74 और यहीं के आशीष ने 73 मीटर थ्रो कर रजत व कांस्य पदक जीते।
प्रतियोगिता में शिरकत कर सफलता भी मिली
विक्रांत मलिक ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि उन्होंने ज्यादातर अभ्यास सिंथेटिक ट्रैक पर किया था। मोदीनगर में हुई प्रतियोगिता घास के मैदान में हुई। इससे पैर का नियंत्रण ठीक नहीं हुआ। नहीं तो थ्रो 80 मीटर के पार भी जा सकता था। उन्होंने बताया कि एक साल पहले अभ्यास के दौरान दाएं हाथ की कोहनी में चोट लग गई थी। इससे अभ्यास छूट गया था, लेकिन उन्होंने ग्राउंड पर जाना नहीं छोड़ा। अभ्यास एक्सरसाइज करता रहा। कोहनी का दर्द ठीक हुआ और प्रतियोगिता में शिरकत कर सफलता भी मिली।
80 मीटर से ज्यादा थ्रो कर पदक जीतना लक्ष्य
विक्रांत ने बताया कि 2022 में फेडरेशन कंप सहित कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हैं। इनकी वह तैयारी में जुटे हैं। पिता राजेंद्र सिंह मलिक के देखरेख में सुबह-शाम अभ्यास कर रहे हैं। सीनियर थ्रोअर की वीडियो देखकर तकनीक में भी सुधार कर रहा हीं। उनका लक्ष्य 80 मीटर से ज्यादा थ्रो करके राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने का है। मोदीनगर में हुई प्रतियोगिता में बेहतर थ्रा रहा। इससे हौसला बढ़ा है।
विक्रांत की सफलता
कुरुक्षेत्र यूनविर्सटी में 73.85 मीटर थ्रो करके स्वर्ण पदक के साथ रिकार्ड बनाया।
आल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में रजत पदक।
जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो रजत पदक।
राज्य स्तरीय एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण और दो रजत पदक।
अंतरराज्यीय जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक।