फिल्म पानीपत के विरोध में उतरे जाट नेता, प्रसारण रोका

आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत द ग्रेट बिट्रेयल के विरोध में बुधवार को जाट समुदाय के युवाओं ने सेक्टर 25 स्थित मित्तल मेगा मॉल के बाहर लगभग आधा घंटे तक धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 01:47 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 06:12 AM (IST)
फिल्म पानीपत के विरोध में उतरे जाट नेता, प्रसारण रोका
फिल्म पानीपत के विरोध में उतरे जाट नेता, प्रसारण रोका

जागरण संवाददाता, पानीपत : आशुतोष गोवारिकर की फिल्म पानीपत द ग्रेट बिट्रेयल के विरोध में बुधवार को जाट समुदाय के युवाओं ने सेक्टर 25 स्थित मित्तल मेगा मॉल के बाहर लगभग आधा घंटे तक धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। गंभीरता को देखते हुए फन सिनेमा के असिस्टेंट मैनेजर निशांत ने 11 बजे शुरू हुआ शो बंद करा दिया। दोबारा फन सिनेमा में फिल्म नहीं चलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान थाना चांदनी बाग पुलिस ने वीडियोग्राफी भी की। वहीं जाट नेताओं ने दोपहर के समय डीसी सुमेधा कटारिया को भी ज्ञापन सौंपा और फिल्म डॉयरेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। इस मौके पर वारिस मढ़ान, राजेश बांगडू, संदीप मलिक, रिकू, मोहित, दीपक, नसीब व अरविद मौजूद रहे। फिल्म में सूरजमल का चरित्र ऐतिहासिक तथ्यों के विपरीत

बलराज देसवाल ने बताया कि महाराजा सूरजमल को फिल्म में लालची दिखाने का प्रयास किया गया है। जबकि उन्होंने युद्ध में मराठों की मदद की थी। रविद्र मिन्ना ने बताया कि फिल्म से ज्यादा पैसा कमाने के लालच में डायरेक्टर आशुतोष गोवारिकर ने पानीपत की लड़ाई का इतिहास ही पलट दिया है। सच्चाई ये है कि महाराजा सूरजमल ने युद्ध में घायल हुए मराठों को कई माह तक अपने पास संरक्षण दिया था। हरसंभव मदद की थी। धर्म कोई भी हो, इतिहास से छेड़खानी गलत

फोटो नं - 55

फिल्म देखने आए सेक्टर 25 के यामीन ने बताया कि फिल्म निर्माता को ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है। चाहे किसी भी धर्म की फिल्म का निर्माण हो रहा हो, समुदाय के लोगों से विभिन्न किरदारों के बारे में गहनता से जानकारी लेनी जरूरी है। दर्शकों को लौटाए पैसे

सिनेमा हॉल के मालिक ने विरोध प्रदर्शन के बाद दर्शकों को पैसा लौटा दिया। कुछ दर्शकों को उनकी इच्छा के अनुरूप दूसरे फिल्म के शो में बैठा दिया।

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