ये है सीवन का जामुन हर्बल वाटिका पार्क, औषधीय पौधों के संरक्षण इसका उद्देश्‍य

सीवन में औषधीय पौधों के संरक्षण को बनाया गया जामुन हर्बल वाटिका पार्क। हर जिले में व्‍यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के पार्क को बनाया गया था। लेकिन आज इनकी स्थिति बदतर है। अब तक कई पौधे खत्‍म हो रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 04:21 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 04:21 PM (IST)
ये है सीवन का जामुन हर्बल वाटिका पार्क, औषधीय पौधों के संरक्षण इसका उद्देश्‍य
कैथल के सीवन का जामुन हर्बल वाटिका पार्क।

कैथल, जेएनएन। औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन, औषधीय गुणों के प्रति जन चेतना बढ़ाने व उनकी व्यवसायिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक जिले में औषधीय उद्यान स्थापित किए गए थे। प्रत्येक जिले में स्थापित किए गए उद्यानों के नाम भी प्रदेश में पाए जाने वाले वृक्षों व जड़ी बूटियों के नामों पर रखे गए है। इसी कड़ी में कस्बा सीवन में स्थापित जामुन वाटिका औषधीय उद्यान का नाम भी जामुन वृक्ष के नाम पर रखा गया था।

जामुन वाटिका उद्यान सीवन व गांव खेड़ी गुलाम अली के रास्ते पर स्थापित है। इसकी नगर से दूरी महज अढ़ाई किलोमीटर है। यह हर्बल पार्क 25 एकड़ में बनाया गया है। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2007 में शुरू किया गया था, जो वर्ष 2012 में बनकर तैयार हुआ था। इस पर लाखों रुपये की लागत आई थी। परंतु वर्तमान में यह बदहाल स्थिति में है। इस वाटिका का निर्माण आम लोगों को औषधीय पौधों के प्रयोग व संरक्षण के प्रति जागरूक करने को किया गया था। परंतु वर्तमान में यहां लगाए गए औषधीय पौधे ही विलुप्त होते जा रहे हैं। जिससे इस वाटिका से सीवन और इसके आस-पास रहने वाले लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

वाटिका के निर्माण के दौरान यह लगाए गए थे औषधीय पौधे

वाटिका के निर्माण के दौरान यहां पर एलोविरा, बहेड़ा, हरड़, आवला, अर्जुन, महुआ, तुलसी, सर्पगंधा, लैमन घास, पत्थरचट, चंदन, काली तुलसी, शामा तुलसी, गुड़ बूटी, बास, मीठा नीम के औषधीय पौधे लगाए गए थे। परंतु अब इनमें से आधे पौधे भी नहीं रहे हैं।

कई स्थानों पर सूखे पौधे

पार्क में कई स्थानों पर पौधे कम लगे हुए है या सूख गए हैं। देखने में आया कि पार्क की कुछ हिस्से की मिट्टी कल्लर है जिसके कारण पौधों की सही बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। यदि कर्मचारी या मजदूर सही ढंग से पौधों की देखभाल करें तो पार्क दर्शनीय बन सकता है।

पार्क तक जाने के लिए नहीं है पक्का रास्ता

लोक सेवा मंच के प्रधान ओमप्रकाश मुटरेजा ने कहा कि सीवन-फर्शमाजरा मार्ग पर सीवन माइनर के किनारे पार्क तक जाने का मार्ग बिल्कुल कच्चा है जो की उबड़-खाबड़ है। बरसात के दिनों तो पार्क में जाना ही मुश्किल है। पार्क तक की पक्की सड़क बनाई जाए, ताकि आने जाने वालों को कोई असुविधा न हो।

पार्क के संरक्षण को लेकर समय-समय पर कार्य किया जाता है। ऐसा नहीं है कि यहां पर औषधीय पौधों की कोई रखवाली नहीं की जा रही है। यहां पर कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है, जो रखवाली कर रहा है। यदि फिर भी कोई कमी अभी है तो उसे जल्द ही दूर किया जाएगा।

रघुबीर सिंह, जिला वन अधिकारी, कैथल।

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