श्रीकृष्ण भक्ति के लिए IPS भारती अरोड़ा ने फिर मांगा वीआरएस, सरकार के फैसले का इंतजार
आइपीएस भारती अरोड़ा की वीआरएस वाली फाइल फिर से चल पड़ी है। राज्य सरकार पर टिका फैसला। कभी भी आ सकता है रिलीव करने का आदेश। 1998 में हरियाणा कैडर में ज्वाइन की थी सर्विस महत्वपूर्ण पदों पर रही चुकीं हैं।
अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला रेंज की आइजी भारती अरोड़ा की वालंटियर रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) की फाइल एक बार फिर चल पड़ी है। अब राज्य सरकार फैसला टिका है। अनुमान लगाया जा रहा है कि उनको कभी भी रिलीव किया जा सकता है। वहीं भारती अरोड़ा का कहना है कि वह राज्य सरकार के फैसले का इंतजार कर रही हैं।
आइपीएस भारती अरोड़ा ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की राह पर चलने के लिए वीआरएस मांगी थी, लेकिन राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने पुनर्विचार के लिए फाइल पर नोटिंग लिख दी थी। अरोड़ा फैसले पर कायम रहीं, जिसके चलते दोबारा से फाइल डीजीपी मुख्यालय से होते हुए गृह मंत्री विज तक पहुंची। अब विज ने भी फाइल पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री को भेज दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आइपीएस अधिकारी को रिलीव कर नए अधिकारी की नियुक्ति की जा सकती है। पहले भारती अरोड़ा ने प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी को लिखे पत्र में एक अगस्त 2021 से सेवानिवृत्ति मांगी थी। उन्होंने तीन माह के नोटिस पीरियड से भी छूट देने का आग्रह किया था।
23 साल से हैं पुलिस सेवा में
20 मार्च 1971 को जन्मीं भारती अरोड़ा 23 साल से पुलिस सेवा में हैं। 1998 बैच की आइपीएस भारती अरोड़ा ने 7 सितंबर 1998 को सर्विस शुरू की थी। भारती अरोड़ा की रिटायरमेंट 31 मार्च 2031 को होनी थी। हरियाणा कैडर के आइपीएस विकास अरोड़ा से उनकी शादी हुई। भारती अरोड़ा हरियाणा में राजकीय रेलवे पुलिस में एसपी, अंबाला एसपी, कुरुक्षेत्र एसपी, राई स्पोट््र्स कांप्लेस में प्रिंसिपल, करनाल रेंज में आइजी रहीं हैं। मौजूदा समय में वे अंबाला रेंज की आइजी हैं।
यह लिखा था पत्र में
आइपीएस भारती अरोड़ा ने प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि वह स्वेच्छा से पत्र लिखकर 1 अगस्त 2021 से सेवानिवृत्ति चाहती हैं। उन्होंने कहा पुलिस सर्विस उनके लिए गर्व और जुनून रहा है। वे अब जीवन का लक्ष्य हासिल करना चाहती हैं। वे गुरुनानक देव, चैतन्य महाप्रभु, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, मीराबाई तथा सूफी संतों की राह चलना चाहती हैं। वे अपना शेष जीवन प्रभु श्रीकृष्ण की भक्ति में बिताना चाहती हैं।