यहां बनेगा अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र, विदेशों तक होगा नाम Panipat News

अंतरराष्ट्रीय वन ध्यान केंद्र के मठ प्रमुख आचार्य केवली यमुनानगर पहुंचे। उन्होंने कहाकि साधना के लिए यह स्थान उपयुक्त है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 04:52 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 05:19 PM (IST)
यहां बनेगा अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र, विदेशों तक होगा नाम Panipat News
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पानीपत/यमुनानगर, [पोपीन पंवार]। आदिबद्री हार्ट टचिंग प्लेस है। यह स्थल लोगों को आकर्षित करता है। यहां आध्यात्मिक शक्ति भी है। यहां मन को शांति मिलती है। जैसी पॉजिटिव एनर्जी यहां मिल रही है, उसके हिसाब से यहां पर ध्यान केंद्र बनाया जा सकता है। केंद्र सरकार से इस बारे में बात करेंगे। यहां विश्वभर के लोग ध्यान-साधना कर सकेंगे। उन्होंने अभी तक जीवन में इतना एनर्जी और अद्भुत स्थल नहीं देखा, जैसा यह है। यह कहना है कि वात पाह नानाचात (अंतरराष्ट्रीय वन ध्यान केंद्र, थाईलैंड) मठ प्रमुख आचार्य केवली का (जर्मन से)। उनके साथ नेपाल के आचार्य रोचनो और आचार्य महापन्यो दो दिनों के लिए प्रदेश के प्राचीन बौद्ध स्थलों के दौरे पर हैं।

द बौद्धिस्ट फोरम के अध्यक्ष सिद्धार्थ गौरी ने बताया कि पूर्व में भी बौद्ध भिक्षुओं का प्रतिनिधिमंडल आदिबद्री आ चुका है। उस समय यहां साधना केंद्र खोलने की बात फाइनल हुई थी। प्रतिनिधिमंडल में महापन्यो ने बताया कि वे हरियाणा के निवासी हैं। थाईलैंड में जिस अंतरराष्ट्रीय केंद्र में साधना कर रहे हैं, वहां पर 37 देशों के बौद्ध आचार्य रहते हैं। 2500 वर्ष पूर्व भारत से बौद्ध धर्म का उदय हुआ था। विदेशों में डंका बज रहा है लेकिन हमारे यहां पिछड़ रहे हैं। इस पिछड़ेपन को दूर करने के लिए प्रतिनिधिमंडल दौरे पर प्रचार के लिए आया है। प्रमुख आचार्य केवली का बौद्ध गया में प्रवचन हुआ। हरियाणा में बौद्ध धर्म की साइट हैं। इनको संभालने की आवश्यकता है। जिस तरह बिहार और उत्तर प्रदेश ने बौद्ध स्थलों को संजोने का काम किया है, ठीक उसी तरह से यहां भी होना चाहिए।

 

अवशेष देख कर रह गए दंग 

प्रतिनिधमंडल ने प्राचीन तीन आदिबद्री, चनेटी और सुघ स्थित बौद्ध स्थलों का दौरा किया। यहां ध्यान लगाया और पूजा की। पूजा के बाद आचार्य केवली ने बताया कि स्थान आकर्षित करने की क्षमता रखता है। बौद्ध मठ एकांत में ही चलते हैं। आदिबद्री में ये सारी विशेषताएं हैं। फोन पर पदमश्री दर्शन लाल जैन से यहां की धर्म और संस्कृति की बात की। इन्होंने सरस्वती और यमुना नदी के बारे में भी जाना। उनके महत्व बारे जानकारी हासिल की। इसके लिए हरियाणवी संस्कृति और धर्मों के बारे में भी जानकारी हासिल की। 2300 साल पुराने बौद्ध स्तूप को देखकर चकित रह गए। टोपरा कलां में सबसे बड़े अशोका धम चक्र की स्थापना की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा से विपस्यना की शुरुआत हुई थी।

ये हैं आदिबद्री की विशेषताएं 

आदिबद्री पहाड़ों से घिरा धार्मिक स्थल है। यही पर सरस्वती नदी का उद्गम स्थल है। केदारनाथ, आदिबद्री मंदिर और पहाड़ी माता मंत्रा देवी का मंदिर है। खोदाई के दौरान बौद्ध धर्म से जुड़े अवशेष भी मिले हैं।

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