निगम के कूड़ेदान में जा रहा संस्थानों का कचरा, कागजों में कर दिया निस्तारण, अब होगी कार्रवाई
नगर निगम के कूड़े में संस्थाओं का कचरा जा रहा है। निस्तारण के आदेश के बावजूद संस्थान नहीं मान रहे हैं। 106 संस्थानों को दिए कचरा निस्तारण के आदेश। 5000 रुपये तक होगा जुर्माना। साथ ही कार्रवाई भी हो सकती है।
यमुनानगर, जेएनएन। स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रेंकिंग के लिए विभिन्न संस्थानों ने कागजों में ही कचरे का निस्तारण कर दिया। नगर निगम की ओर से भेजे गए नोटिस के जवाब में निस्तारण की बात कही गई, लेकिन कचरा अभी निगम के कूड़ेदानों में ही जा रही है। अधिकारियों की जांच में ऐसे सामने आया है। संस्थानों से निकल रहे कचरे का निस्तारण नहीं हो रहा है बल्कि यहां-वहां फैका जा रहा है। अब ऐसे संस्थानों पर जुर्माना लगाया जाएगा। निस्तारण न किए जाने की एवज में प्रथम चरण में चालान कर जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। बता दें कि गत दिनों 106 संस्थानों को नोटिस दिया गया था।
कम से कम 5 हजार जुर्माने का प्रावधान
नगर निगम की योजना है कि निगम क्षेत्र में कोई होटल, मैरिज पैलेस या अन्य संस्थान जो 50 किलोग्राम से ज्यादा कूड़ा कचरा उत्पन्न करता है तो वह अपने स्तर पर कूड़े का निपटान करे। इनके यहां से कचरा बाहर न जाए। संबंधित संस्थानों को इस बारे पहले ही नोटिस देकर अवगत कराया जा चुका है। बावजूद इसके अधिकांश ने गंभीरता से नहीं लिया। आदेशों के मुताबिक यदि फिर भी कोई संस्थान इस कूड़े का निपटान नहीं करता है तो उसके खिलाफ कम से कम पांच हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। यदि कोई संस्थान ऐसा नहीं करता तो उसके खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई अमल में लाई जाए।
जगह-जगह लगे कचरे के ढेर
शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं। आउटर की कालोनियों में हालात अधिक खराब देखे जा रहे हैं। कई-कई दिन तक कचरा नहीं उठाया जा रहा है। वार्ड 20 से पार्षद रेखा राणा, वार्ड तीन से हरमीन कोहली व वार्ड आठ से विनोद मरवाह का कहना है कि शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं है। होटल व रेस्टोरेंट मालिक भी नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। यहां पर कचरे का निस्तारण नहीं हो रहा है। शहर में पड़े कचरे का नियमित रूप से उठान नहीं हो पा रहा है।
106 संस्थान ऐसे हैं जिनमें 50 किलोग्राम से अधिक कचरा निकलता है। इनके लिए कचरे का प्रबंधन करना अनिवार्य है। प्रबंधन न करने पर 106 संस्थानों को नोटिस दिए गए थे। कुछ संस्थान अभी भी अपना कचरा नगर निगम के डस्बीन में डाल रहे हैं। अब इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अरुण कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर निगम।