किसानों को दी मृदा जांच महत्व व फसल बिजाई विस्तार की जानकारी
विश्व मृदा दिवस पर रविवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिले भर से किसानों ने शिरकत की। जहां किसानों को मृदा जांच के महत्व व फसल बिजाई बारे विस्तार से बताया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : विश्व मृदा दिवस पर रविवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिले भर से किसानों ने शिरकत की। जहां किसानों को मृदा जांच के महत्व व फसल बिजाई बारे विस्तार से बताया गया। उप कृषि निदेशक डा. वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि गेहूं व सरसों रबी की मुख्य फसलें हैं। इसलिए गेहूं की फसल के लिए अच्छे जल निकासी वाली मध्यम दोमट मिट्टी उपयुक्त है। पछेती बिजाई के लिए कम समय में तैयार होने वाली राज 3765, डब्ल्यूएच 1021 और डब्ल्यूएच 1124 की बिजाई करें। पछेती बिजाई दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक कर सकते हैं। गेहूं की फसल की बिजाई के समय आधी नाइट्रोजन लगभग 65 किलोग्राम, यूरिया व डीएपी तथा 20 किलोग्राम पोटाश डालें। बची हुई नाइट्रोजन दो बराबर हिस्सों में बिजाई के समय 25 से 30 दिन व 45 से 50 दिन के अंतराल पर डालें। उन्होंने बताया कि मिट्टी की जांच के आधार पर खाद देने से अच्छे आर्थिक लाभ मिलते हैं। यदि मिट्टी में पोटाश की कमी होती है तो गेहूं की फसल की बिजाई से पहले 6 टन गोबर की सड़ी खाद या 3 टन मुर्गी के दडबे की खाद डाली। इस मौके पर भूमि परीक्षण अधिकारी सत्यवान ने मिट्टी के नमूने लेने बारे व अनुमोदित मात्रा से ज्यादा खाद व जहर फसलों में डालने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराया। सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी राजेश भारद्वाज ने गेहूं व सरसों की फसल में लगने वाले कीड़े तथा बीमारियों के बारे में बताया। इस मौके पर जयभगवान गहलावत, सतेंद्र, तकनीकी सहायक राजीव, बिजेंद्र, खंड कृषि अधिकारी सतीश कुमार मौैजूद रहे।