Illegal Colonies: करनाल में बड़ा गड़बड़झाला, NDC पोर्टल को गच्चा देकर करवा रहे अवैध कालोनी में रजिस्ट्रियां

करनाल में अवैध कालोनी का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। एनडीसी पोर्टल को गच्चा देकर प्लाट की रजिस्ट्री करवाई जा रही है। यह रजिस्ट्री दलालों के माध्यम से होती है। यह दलाल कालोनाइजर व संबंधित विभाग के बीच में कड़ी का काम करते हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 09:48 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 09:48 PM (IST)
Illegal Colonies: करनाल में बड़ा गड़बड़झाला, NDC पोर्टल को गच्चा देकर करवा रहे अवैध कालोनी में रजिस्ट्रियां
करनाल में अवैध कालोनियों का कारोबार बढ़ा।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल शहर में अवैध कालोनियों का कारोबार फिर से फलफूल रहा है। अवैध कालोनी में प्लाट धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। अब सवाल यह है कि प्लाट बेचने वाले उसकी रजिस्ट्री कैसे करवा रहे हैं। उसका रास्ता क्या निकाला गया है। क्योंकि नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण करवाने पर

अवैध कालाेनी का नाम आते ही वह काम नहीं करता है। जबकि वैध कालोनी होने पर ही प्रमाण पत्र जारी होने और फिर रजिस्ट्री होने की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

यही पर चालाकी की जाती है और अवैध कालोनी के साथ लगती किसी वैध कालोनी का नाम इस पोर्टल पंजीकरण में अंकित कर दिया जाता है। इसके बाद जमीन का खसरा नंबर सही लिख दिया जाता है। इसके बाद नियम अनुसार प्रमाण पत्र जारी हो जाता है और फिर रजिस्ट्री की प्रक्रिया तहसील से पूरी हो जाती है। इसमें अधिकारियों की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता। बहादुर चंद कालोनी के साथ राइस मिल की जमीन पर अवैघ कालोनी का रास्ता लेने के लिए कालोनाइजर द्वारा न्यायालय की शरण में लेने का मामला सामने आने के बाद फिर से यह कारोबार चर्चा में आ गया है।

दलालों के माध्यम से होती रजिस्ट्री

यह रजिस्ट्री दलालों के माध्यम से होती है। यह दलाल कालोनाइजर व संबंधित विभाग के बीच में कड़ी का काम करते हैं। यह एक निश्चित राशि प्रति रजिस्ट्री की बता देते हैं। उदाहरण के तौर पर एक रजिस्ट्री के 45 हजार

रुपये बता दिए गए और अपने काम के लिए पांच हजार की डिमांड कर दी। इसके बाद वह इस गड़बड़झाले को आगे बढ़ाते हैं। अलबत्ता तहसील परिसर के इर्द-गिर्द ही  यह दलाल इस काम की ताक में रहते हैं।

कुछ वैध कालोनी में हुई रजिस्ट्रियों की जांच से खुल जाएगा मामला वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह मान ने कहा कि कुछ वैध कालोनियों, जिनके साथ अवैध कालोनियां लगती है, उनमें पिछले एक माह में हुई रजिस्ट्रियों के कागजात की गहराई से जांच कर ली जाए तो पूरा मामला खुलकर सामने आ जाएगा। इससे उन लोगों की मिलीभगत सामने आ जाएगी, जो इस कार्य में शामिल हैं। अलबत्ता पहले भी इसी तरह से रजिस्ट्री होने की बात सामने आ चुकी है।

लेकिन कुछ माह तक सख्ताई रहने के बाद अब फिर से काम उसी ढर्रे पर लौट आया है।

सरकार को होता है नुकसान-कर्ण सिंह मंढान

अधिवक्ता कर्ण सिंह मंढान का कहना है कि अवैध कालोनी को गिराने की बजाए इस समस्या की जड़ तक जाना जरूरी है। इसके लिए भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा जाना चाहिए। इन कालोनियों को विकसित करने वाले विकास शुल्क सरकार को जमा नहीं करवाते। इससे भी सरकार को नुकसान उठाना पड़ता है।

तहसील स्तर पर होगी जांच

उपायुक्त निशांत यादव का कहना है कि इस मामले की तहसील स्तर पर जांच करवाई जाएगी। इस संबंध में करनाल जिले के सभी तहसीलदारों को निर्देश जारी किए जाएंगे। नगर निगम आयुक्त डा. मनोज कुमार ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से चेक करवाया जाएगा। उनसे एक माह की रजिस्ट्रियों की जांच की गई तो उन्होंने एक माह में करीब 1200 रजिस्ट्रियां हुई होंगी। हालांकि वह इस मामले की तह में जाएंगे और इस मामले की जांच करवाएंगे।

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