अवैध कालोनी में प्रापर्टी की भी बनेगी आइडी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं होगा जारी

जींद में अवैध कालोनी में प्रापर्टी को लेकर फैसला लिया गया है। अवैध कालोनी में प्रापर्टी की आइडी बनेगी। हालांकि नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं हो सकेगा। अब तक नगर परिषद जींद में नहीं बनाई जा रही थी अवैध कालोनी की प्रोपर्टी आइडी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 05:57 PM (IST)
अवैध कालोनी में प्रापर्टी की भी बनेगी आइडी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं होगा जारी
अवैध कालोनी की प्रापर्टी आइडी बनाई जाएगी।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद शहर में अवैध कालोनी की प्रापर्टी की आइडी भी लोग बनवा सकते हैं। लेकिन उस प्रापर्टी का नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) जारी नहीं होगा और एनडीसी पोर्टल पर वो प्रापर्टी अवैध कालोनी में ही प्रदर्शित होगा। जिससे उस प्रापर्टी की रजिस्ट्री नहीं होगी। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने शहरी क्षेत्र में प्रापर्टी की रजिस्ट्री के लिए उसका आइडी नंबर और नो ड्यूज सर्टिफिकेट अनिवार्य किया हुआ है। प्रापर्टी आइडी नंबर संबंधित नगर परिषद जारी करती है और बकाया प्रापर्टी टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज जमा करवा कर नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। नगर परिषद द्वारा केवल उन्हीं प्रोपर्टी की आइडी जारी की जा रही है, जो वैध कालोनी में हैं।

शहर में अवैध एरिया में हजारों प्रोपर्टी हैं। इनमें से बहुत सी प्रापर्टी ऐसी हैं, जो सर्वे में छूट जाने की वजह से आइडी जारी नहीं हुई हैं। प्रतिदिन दो से तीन फाइलें प्रापर्टी आइडी के लिए नगर परिषद में ऐसी आती हैं, जो अवैध एरिया में हैं। नगर परिषद कर्मचारी उन फाइलों को अवैध एरिया में होने का हवाला देकर वापस लौटा देते हैं। लेकिन नगर परिषद अधिकारी राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि मुख्यालय की गाइडलाइन के अनुसार जो प्रोपर्टी वैध कालोनी में नहीं हैं, उनकी भी प्रापर्टी आइडी जारी करनी है। लेकिन एनडीसी पोर्टल से उस प्रापर्टी के वैध कालोनी में ना होने की वजह से आनलाइन नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा।

जींद नगर परिषद का 42 वर्ग किलोमीटर है एरिया

42 वर्ग किलोमीटर एरिया में बसे जींद शहर में साल 2014 में 60 कालोनी और साल 2018 में 10 कालोनी नियमित हुई। इन समेत शहर में 118 कालोनियां हैं। वहीं अर्बन एस्टेट, हाउसिंग बोर्ड, स्कीम नंबर पांच, छह व 19 इनसे अलग हैं। साल 2008 तक जींद नगर परिषद का एरिया 35 वर्ग किलोमीटर था। साल 2009 में हुए सर्वे में आसपास विकसित हुई कालोनियों को शामिल किया गया था। जिससे नगर परिषद का दायरा बढ़ कर 42 वर्ग किलोमीटर हो गया था। उसके बाद से सर्वे नहीं हुआ है।

नियमित कालोनियों के पास बने मकान, बढ़ा 20 प्रतिशत तक एरिया

नियमित कालोनियों के आसपास लोगों ने मकान बनाए हुए हैं। जिससे नगर परिषद का एरिया 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गया है। लेकिन 12 साल सर्वे नहीं होने के कारण इस एरिया को नगर परिषद सीमा में शामिल नहीं किया गया है। जल्द ही सरकार से अनुमति लेकर नियमित कालोनियों के आसपास बने मकानों व अन्य प्रोपर्टी को सर्वे कर नगर परिषद की सीमा में शामिल करने की योजना है। जिससे इन प्रोपर्टी का टैक्स व डेवलपमेंट चार्ज मिलने से नगर परिषद को फायदा होगा।

प्रापर्टी आइडी के संबंध में स्टाफ को दिए हैं दिशा निर्देश : ईओ

नगर परिषद ईओ राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि नगर परिषद के रिकार्ड में जो प्रोपर्टी दर्ज है, चाहे वह अप्रूव्ड है या अनप्रूव्ड है। उसका प्रोपर्टी आइडी नंबर होता है। अन्प्रूव्ड एरिया की प्रोपर्टी जिसका आइडी नंबर जारी नहीं हुआ है। उनका प्रोपर्टी आइडी नंबर जारी होगा। लेकिन एनडीसी पोर्टल से नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी नहीं होगा। इस संबंध में स्टाफ को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

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