पानीपत के आइसीटीसी में लचर व्यवस्था, एचआइवी जांच करनी थी, 14 महीने से बजट ही नहीं मिला

बजट के अभाव में सिसकता ईएसआइ अस्पताल का आइसीटीसी। 14 माह में सिविल सर्जन-कासंलर का खाता नहीं खुला। एचआइवी जांच भी हो रही बहुत कम। स्लाइड व किट सिविल अस्पताल से मांगी जा रही हैं स्टेशनरी कर्मचारी अपनी पॉकेट से खरीद रहे हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 21 Feb 2021 01:35 PM (IST) Updated:Sun, 21 Feb 2021 01:35 PM (IST)
पानीपत के आइसीटीसी में लचर व्यवस्था, एचआइवी जांच करनी थी, 14 महीने से बजट ही नहीं मिला
18 फरवरी तक 1830 श्रमिकों, उनके स्वजनों के सैंपल लिए गए हैं। आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है।

पानीपत, जेएनएन। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) की ओर से राज्य कर्मचारी बीमा (ईएसआइ) अस्पताल में दो दिसंबर-2019 को इंटिग्रेटेड काउंसि‍लिंग टेस्टिंग सेंटर (आइसीटीसी) खोला गया था। उद्देश्य था कि श्रमिकों की मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस संक्रमण (एचआइवी) जांच करना था। हैरत है कि 14 माह से अधिक समय बीत गया, अभी तक नाको से सेंटर संचालन के लिए बजट नहीं मिला है।

स्लाइड व किट सिविल अस्पताल से मांगी जा रही हैं, स्टेशनरी कर्मचारी अपनी पॉकेट से खरीद रहे हैं। काउंसलर अंजू ने बताया कि सेंटर संचालन में तमाम दिक्कतें सामने आ रही हैं। फंड प्राप्त करने के लिए सिविल सर्जन और काउंसलर का संयुक्त बैंक खाता खुलता है, अभी तक नहीं खुला है। ईएसआइ अस्पताल प्रशासन ने शुरुआत में लैब और काउंसिलिंग कक्ष के लिए दो कमरे दिए थे। दोनों कमरे एक-दूसरे से सटे हुए होने से काम करना आसान था। अब लैब के लिए दूसरे कॉरिडोर में कक्ष दिया गया है। लैब टेक्निशियन राजेश को डेप्यूटेशन पर सिविल अस्पताल सहित दूसरे केंद्रों में भेजा जाता है। ऐसे में काउंसिलिंग कक्ष छोड़कर, लैब में आना-जाना मुश्किल है। कंप्यूटर-इंटरनेट सिस्टम तक नहीं है। काउंसिलर के मुताबिक 18 फरवरी 2021 तक 1830 श्रमिकों, उनके स्वजनों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें से आठ की रिपोर्ट एचआइवी पॉजिटिव आ चुकी है।

एचआइवी टेस्टिंग बहुत कम 

ईएसआइ कार्ड धारकों की संख्या जिला में 1.40 लाख से अधिक है। अस्पताल के अलावा तीन डिस्पेंसरी भी हैं। इसके बावजूद एचआइवी टेस्ट संख्या प्रतिमाह मात्र 130 है। इस पर काउंसिलर ने बताया कि चिकित्सक ओपीडी स्लिप पर एचआइवी जांच नहीं लिख रहे हैं।

आनलाइन नहीं डाटा

एचआइवी-एड्स पीड़ितों का डाटा ईएसआइ अस्पताल में ऑनलाइन नहीं रखा जा रहा है। कंप्यूटर-इंटरनेट सिस्टम नहीं मिलना इसका मुख्य कारण है। मैन्युअल डाटा सुरक्षित करने, उसे हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसाइटी और नाको को भेजने में दिक्कतें आ रही हैं।

फंड के लिए संयुक्‍त खाता खुलना है

सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया, मैं काफी दिनों से ईएसआइ अस्पताल स्थित आइसीटीसी में गया नहीं हूं। फंड के लिए संयुक्त खाता खुलना है, यह बात काउंसिलर ने बताई नहीं है। जल्द समाधान कराया जाएगा।

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