एल्कोमीटर-ब्रेथ एनालाइजर नहीं, कैसे हो एंबुलेंस चालक-ईएमटी की जांच
स्वास्थ्य निदेशालय ने हिसार में हुई एक दुर्घटना से सबक लेते हुए एंबुलेंस चालकों और इमरजेंसी मेडिकल टैक्निशियन (ईएमटी) की एल्कोमीटर-ब्रेथ एनालाइजर से औचक जांच के आदेश सभी जिलों के सिविल सर्जन को दिए हैं। पता लगाना था कि ड्यूटी के दौरान शराब तो नहीं पी हुई है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : स्वास्थ्य निदेशालय ने हिसार में हुई एक दुर्घटना से सबक लेते हुए एंबुलेंस चालकों और इमरजेंसी मेडिकल टैक्निशियन (ईएमटी) की एल्कोमीटर-ब्रेथ एनालाइजर से औचक जांच के आदेश सभी जिलों के सिविल सर्जन को दिए हैं। पता लगाना था कि ड्यूटी के दौरान शराब तो नहीं पी हुई है। स्वास्थ्य विभाग पानीपत के अधिकारियों ने इस संबंध में चर्चा तक नहीं की है।
एंबुलेंस के बढ़ते सड़क हादसों, चालक और ईएमटी के व्यवहार पर सवाल उठता देख स्वास्थ्य निदेशालय ने सख्त रुख अख्तियार किया है। अब सिविल अस्पताल से किसी मरीज को खानपुर मेडिकल कॉलेज या पीजीआइ रोहतक रेफर किया जाएगा तो सिविल सर्जन चालक और ईएमटी की जांच करेंगे। शराब के नशे में मिले तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, पुलिस भी दोनों की जांच कर सकेगी। चौंकाने वाला पहलू यह कि स्वास्थ्य विभाग के पास जांच की कोई मशीन नहीं है।
इस संबंध में चर्चा तक नहीं हो सकी। एंबुलेंस फ्लीट मैनेजर ऋषिपाल ने बताया कि बृहस्पतिवार को सिविल सर्जन से इस संबंध में चर्चा की जाएगी। उनकी अनुमति के बाद ही जांच उपकरण क्रय किए जाएंगे। ब्लड जांच से होती है जांच :
शराब पीकर झगड़ा करने वालों की जांच के लिए पुलिस मेडिकल के लिए आरोपितों को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचती है। सिविल अस्पताल में अभी तक शराब सेवन करने वालों की जांच ब्लड सैंपल से होती रही है। तीन की हुई थी मौत :
बरवाला-अग्रोहा मार्ग पर नौ अक्टूबर की रात्रि एंबुलेंस पेड़ से टकरा गई थी। हादसे में गर्भवती महिला रामरति, उसकी मां माया और एंबुलेंस चालक चैन सिंह की मौत हो गई थी। गर्भवती का पति दीपक और एंबुलेंस सहायक सतपाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे।