पहले चौधर अब मानदेय के लिए लग रहे एड़ी चोटी के जोर, फंसे सवा छह करोड़
हरियाणा में पंचायत का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। अब मानदेय के लिए सरपंच और पंच चक्कर लगा रहे हैं। सरपंच व पंच की मानदेय के रुके सवा छह करोड़। यमुनानगर में करीब 450 पंचायतों का मानदेय अटका है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। गांव के जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हुए पांच माह हो गए हैं। पंचायत में प्रशासक नियुक्त कर दिए गए है। पहले जनप्रतिनिधियों से चौधरी यानि सरपंची के लिए खूब जोर लगाए थे। अब इसी तरह के जोर एक साल से रूके मानदेय के लिए लगाए हुए है। इसके बावजूद इनका रुका हुआ मानदेय नहीं मिला। जिले में 450 पंचायते हैं। एक सरपंच को माह में तीन हजार रुपये मिले है। उसके हिसाब से चौधरियों के एक करोड़ 62 लाख रुपये पंचायत विभाग पर अटके हुए है। इसी तरह से जिले में 4500 पंचों के पैसे भी रूके हुए हैं। इनको भी हर माह एक हजार रुपये का मानदेय मिलता है। इनका भी पौने पांच करोड़ रुपये रूका हुआ है।
नहीं हो रही सुनवाई
जो अधिकारी सरपंचों का इंतजार करते थे। कुर्सी चले जाने पर अब वह उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। हालत ऐसे है कि जनप्रतिनिधि लगातार संबंधित कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। निवर्तनमान सरपंच गुरविंद्र सिंह, छोटू राम, प्रवीन कुमार, ईनाम, संजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने पांच साल तक लगातार अपने कर्तव्यों का ईमानदारी के साथ निर्वाह किया। गांव के विकास के लिए कार्य किया। सरकार की हर योजना को जनजन तक पहुंचाने के लिए कार्य किया। लेकिन उसके बाद भी उनकी अनदेखी हो रही है। सरकार को प्रतिमाह मानदेय देना चाहिए था, लेकिन एक साल से उनका मानदेय रूका पड़ा हुआ है। अधिकारी की कार्यप्रणाली से लगता है कि यह मानदेय अब अटक गया है। वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं देते है। इससे वह काफी असहज महसूस कर रहे हैं।
कई कर रहे हैं आगामी चुनाव की तैयारी
कई निवर्तमान जनप्रतिनिधियों ने बताया कि वह ग्राम पंचायतों से जुड़े पंच, सरपंच, ब्लाक समिति व जिला परिषद सदस्य के लिए आगामी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। समय रहे मानदेय मिलने से चुनाव खर्च में सहयोग मिल जाएगा। इसके अलावा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी रोजाना के खर्च हैं। इनके लिए भी पैसों की आवश्यकता है।
डिप्टी सीएम से मानदेय दिलाने की गुहार
निवर्तमान सरपंचों के जिला प्रधान सर्वजीत सिंह व ब्लाक जगाधरी प्रधान गुरविंद्र सिंह का कहना है कि अधिकारियों का यह रवैया ठीक नहीं है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से इस बारे में जल्द ही मिला जाएगा। हालांकि उन्होंने इस संबंध में डिप्टी सीएम को पत्र भेज दिया है।