होम आइसोलेट मरीज की देखभाल करने वाले पहनें एन-95 मास्क, यहां समझें गाइडलाइंस

सरकार ने होम आइसोलेशन मरीजों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। पानीपत में तीन हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज होम आइसोलेट हैं। इसके अनुसार ऐसे मरीजों की देखभाल करने वालों के लिए एन-95 मास्क पहनना जरूरी है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 08:15 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 08:32 AM (IST)
होम आइसोलेट मरीज की देखभाल करने वाले पहनें एन-95 मास्क, यहां समझें गाइडलाइंस
पुरानी बीमारियों से ग्रस्त (कोरोना पॉजिटिव) सीनियर सिटीजन अपनी मर्जी से घर में नहीं रह सकते।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के साथ होम आइसोलेशन में रहने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। जिला पानीपत की बात करें तो तीन हजार से अधिक कोरोना संक्रमित होम आइसोलेट हैं। सिविल सर्जन डा. संजीव ग्रोवर ने बताया कि ऐसे मरीजों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मरीज की देखभाल करने वाले घर के सदस्य को अब एन-95 मास्क पहनना होगा।

पुरानी बीमारियों से ग्रस्त (कोरोना पॉजिटिव) सीनियर सिटीजन अपनी मर्जी से घर में नहीं रह सकते। सिविल सर्जन ने बताया कि होम आइसोलेशन में रहने पर 10 दिन बाद कोरोना के लक्षण न दिखें को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। घर पर रहने वाले मरीज रेमडेसिविर इंजेक्शन न लगवाएं। यह इंजेक्शन व स्टेरॉयड चिकित्सक की सलाह और मौजूदगी में ही दिया जाना चाहिए। सीनियर सिटीजन कोरोना पॉजिटिव होने के साथ हाइपरटेंशन, डाइबिटीज, दिल, फेफड़े या गुर्दे की बीमारी से ग्रस्त हैं तो डॉक्टर की अनुमति से ही होम आइसोलेशन में रह सकते हैं।

दिन में दो बार भाप लें

सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज का रक्तचाप, पल्स, शुगर और ऑक्सीजन लेवल नियंत्रित रहना चाहिए। खासकर, ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर होना चाहिए। होम आइसोलेट मरीज दिन में दो बार भाप लें। गर्म पानी से गरारा करें। सुबह-शाम हल्का व्यायाम करें। भरपूर नींद लें और घर का बना भोजन समय से लें।

नई गाइडलाइन में यह भी संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने वाले को चिकित्सक के संपर्क में रहना होगा। मरीज को ऐसे कक्ष में रखा जाए जहां क्रॉस वेंटिलेशन हो। कमरे की खिड़की खुली रहे। मरीज हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहनें। हर 8 घंटे पर मास्क बदलें। ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। हर चार घंटे पर तापमान भी जाचें। बुजुर्गों और बच्चों को मरीज के आसपास भी न जाने दें। मरीज को श्वास लेने में तकलीफ या ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 के नीचे हो तो डॉक्टर को बताएं।

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