केसीजीएमसी करनाल में होम केयर सिस्टम की पहल, कोविड के होम आइसोलेटेड मरीजों को राहत

कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी खतरनाक साबित हो रही है। लगातार लोगों की जान जा रही है। ऐसे में केसीजीएमसी में एमबीबीएस छात्र एप के जरिए होम आइसोलेटिड से पोर्टल पर बुखार व सांस लेने जैसी तकलीफों की लेंगे जानकारी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:49 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:49 PM (IST)
केसीजीएमसी करनाल में होम केयर सिस्टम की पहल, कोविड के होम आइसोलेटेड मरीजों को राहत
होम आइसोलेटिड से पोर्टल पर बुखार व सांस लेने जैसी तकलीफों की लेंगे जानकारी।

करनाल, जेएनएन। कोविड रोगियों के टेस्ट से लेकर इलाज तक की भागदौड़ में स्वास्थ्य विभाग प्रशासन के साथ समन्वय कर कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। अब अस्पतालों में उपचाररत मरीजों के अलावा सरकार व स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेटिड मरीजों पर फोकस कर रहा है, क्योंकि कुल पाॅजिटिव केसों में से करीब 92 प्रतिशत केस होम आइसोलेशन में हैं, जबकि आठ प्रतिशत अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। इसे देखते प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व प्राइवेट डॉक्टरों के संयुक्त तत्वावधान में होम केयर सिस्टम की नई पहल की गई है। अगले एक-दो दिन में ही इसे चालू करने की तैयारी को लेकर शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बैठक की। लाइफ केयर अस्पताल के संचालक डॉ. गगन कौशल, केसीजीएमसी के निदेशक डॉ. जगदीश दुरेजा व सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा के साथ वार्ता की गई।

कैसे काम करेगा सिस्टम

उपायुक्त ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, तृतीय व फाइनल ईयर के करीब 200 छात्र इस काम को करेंगे। 20 छात्रों पर एसोसिएयट प्रोफेसर रैंक का एक-एक कंस्लटेंट होगा और प्रत्येक मेडिकल छात्र को 25-25 होम आइसोलेटिड के नाम, पते व आयु की सूची दी जाएगी, जो पोर्टल पर होगी। घर पर रहकर ईलाज कर रहे ऐसे सभी व्यक्तियों की सूची केसीजीएमसी में पहले से ही मौजूद है। मेडिकल छात्र एक ऐप के जरिए प्रतिदिन 25 होम आइसोलेटिड से सम्पर्क करेगा और कॉलिंग के साथ ही पोर्टल पर उनकी बुखार, डायरिया व सांस लेने जैसी तकलीफों की जानकारी का डाटा आ जाएगा। तकलीफ जान लेने के बाद मेडिकल छात्र अपने कंसलटेंट को बताएंगे और यादि होम आईसोलेटिड को अस्पताल में एडमिट करवाने की जरूरत होगी तो उसे एम्बुलेंस में लाकर दाखिल करवा दिया जाएगा।

पंचायत भवन में होम आईसोलेटिड के लिए 100 बेड की सुविधा

उपायुक्त ने बताया कि होम आइसोलेटिड को अस्पताल में दाखिल करने के लिए शहर के पंचायत भवन में 20 बेड का अस्पताल चालू कर दिया है, इसे अपग्रेड कर 100 का किया जा रहा है। ऐसे 50 बेड ऑक्सीजन कंस्टरेटर तथा 50 सिलेंडर पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि अब तक करीब छह हजार में से 5800 ही आईसोलेटिड है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को आगे लिंक करेंगे, जिसमें किस होम आईसोलेटिड को बेड चाहिए या किसे सिलेंडर चाहिए। इस सुविधा से अस्पतालों पर मरीजों का लोड कम होगा।

होम आइसोलेटिड को किट भी करेंगे वितरित

उपायुक्त ने बताया कि होम आइसोलेटिड को थर्मामीटर व पल्स ऑक्सीमीटर जैसी चीजों की एक-एक किट वितरित करेंगे। यह काम आशा वर्करों से करवाया जाएगा। प्रत्येक पीएचसी व सीएचसी में 500-500 किटें देंगे। मरीज के ठीक हो जाने के बाद दोबारा प्रयोग में ली जाने वाली चीजे यानि थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर वापिस देने होंगे ताकि उन्हें अगले मरीज को दिया जा सके। उन्होंने किट के साईज और सामान को लेकर सीएमओ से कहा। इस दाैरान एसीयूटी नीरज कादियान, एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, सीएमओ के डा. अभय अग्रवाल तथा एडीआइओ परविन्द्र सिंह मौजूद थे।

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