हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ बोले- पेरिस ओलिंपिक में पदक का रंग बदलकर गोल्डन करने का लक्ष्य
टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार शानदार प्रदर्शन किया। दैनिक जागरण से की विशेष बातचीत में कुरुक्षेत्र के रहने वाले भारतीय हाकी टीम के खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार पालड़ ने बताया कि खिलाड़ी मेडल जीतने के लिए दिन में ही नहीं रात में भी पसीना बहाते थे।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र। टोक्यो ओलिंपिक में 41 साल बाद पदक जीतकर विश्व भर में देश का नाम चमकाने वाली हाकी टीम के खिलाड़ियों ने अब पदक का रंग बदलकर गोल्डन करने की तैयारी शुरू कर दी है। पदक जीतकर अपने घर कुरुक्षेत्र लौटे ओलिंपियन सुरेंद्र कुमार पालड़ ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि पेरिस ओलिंपिक 2024 में पदक को गोल्डन करने के लिए पूरी टीम ने अभी से लक्ष्य तय कर लिया है। टीम पूरी लय में है और उन्हें अपना लक्ष्य साफ नजर आ रहा है।
सुरेंद्र ने कहा कि देश की झोली में पदक डालने के लिए टीम के हर खिलाड़ी 100 फीसद दिया और वह इसमें कामयाब भी हुए। ओलिंपिक में जीत के कौन सी योजना तैयार की, इस पर काम किया और टीम सफल रही। ओलिंपिक में हिस्सा लेने पहुंची टीम ने पदक तक पहुंचने के लिए स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ने की योजना बनाई थी। उन्होंने पहले ही दिन से इसी योजना पर काम किया। ओलिंपिक में हुए अपने सभी मैचों को टीम ने एक स्टेप की तरह पार किया और इसमें सफलता भी हासिल की। टीम की सभी सदस्यों को अहसास था कि उन्हें हर स्टेप पर सफलता हासिल करनी है। इसी योजना चलते हुए टीम ने आठ मैच में से छह मैच जीते।
पूरी लय में है भारतीय टीम
बकौल सुरेंद्र पालड़, टोक्यो ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन कर भारतीय टीम ने विश्व भर में एक मुकाम हासिल किया है। टीम ने यह मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। हर बार मैच के बाद टीम ने अपनी गलतियों पर मंथन किया। इसके बाद इन गलतियों से बचने के प्रयास किए। अपनी गलतियों को दूर करते रहने पर ही टीम इस मुकाम तक पहुंची है। अब टीम पूरी लय में है और टीम का बेहतर तालमेल ही पदक के कलर को बदलकर गोल्डन कर देगा।
पेरिस ओलिंपिक के लिए तैयारी शुरू
सुरेंद्र ने कहा कि अभी बहुत जल्द एशियन चैंपियंस ट्राफी के लिए प्रशिक्षण शिविर शुरू होने वाला है। प्रशिक्षण शिविर की तिथि तय होते ही उन्हें उसमेें हिस्सा लेना है। इसी दिन से उनकी तैयारी अगले ओलिंपिक के लिए शुरू हो जाएगी। इस बीच आने वाली सभी टूर्नामेंट से उनके खेल में निखार आएगा।
टोक्यो की गर्मी के लिए इस तरह की तैयारी
टोक्यो में कुछ उमस भी गर्मी का मौसम था। ऐसे में जाहिर है कि मैच खेलते ही गर्मी लगी। इसके लिए उन्होंने शिविर में ही तैयारी कर ली थी। शरीर को इसी लिहाज से तैयार करने के लिए बैंगलोरू में चले प्रशिक्षण शिविर में वह दोपहर 12 बजे धूप में भी मैच खेलते थे।
पदक जीतने के दबाव पर ऐसे पार पाया
ओलिंपिक में पूरे विश्व से खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। खिलाड़ियों पर देशवासियों के साथ-साथ पूरे विश्व की नजर होती है। उन्हें भी इस बात का पूरा अहसास था कि पूरा विश्व उनकी ओर देख रहा था। ऐसे में कई बार जीत का दबाव रहता है लेकिन उन्होंने इसी दबाव पर काबू पाया और बेहतर खेल प्रदर्शन किया। उन्होंने दबाव को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।
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