कोविड लैब में होगी हेपेटाइटिस सी-बी की जांच, लगेगी दूसरी किट
सिविल अस्पताल में बनी आणविक प्रयोगशाला (कोविड लैब) कोरोना के बाद भी बहुत उपयोगी साबित होगी। लैब में लगी आरटीपीसीआर (रियल टाइम पॉलिमिनरी चेन रिएक्शन) मशीन भविष्य में हेपेटाइटिस बी-सी की जांच में भी काम आएगी। बता दें कि इस लैब में करीब नौ माह के अंतराल में 1.85 लाख 318 स्वाब सैंपल की जांच लैब में हो चुकी है।
राज सिंह, पानीपत
सिविल अस्पताल में बनी आणविक प्रयोगशाला (कोविड लैब) कोरोना के बाद भी बहुत उपयोगी साबित होगी। लैब में लगी आरटीपीसीआर (रियल टाइम पॉलिमिनरी चेन रिएक्शन) मशीन भविष्य में हेपेटाइटिस बी-सी की जांच में भी काम आएगी। बता दें कि इस लैब में करीब नौ माह के अंतराल में 1.85 लाख 318 स्वाब सैंपल की जांच लैब में हो चुकी है।
लैब के प्रभारी डा. श्यामलाल महाजन ने बताया कि हेपेटाइटिस सी-बी (काला पीलिया) के मरीजों की जांच निजी लैब में होती है। मरीज को कूपन जारी होता है, जिससे लैब में जांच निश्शुल्क होती है। रिपोर्ट मिलने में सात-आठ दिन तक लग जाते हैं। सिविल अस्तपाल की कोविड लैब में जांच शुरू होने के बाद, मात्र दो दिन में रिपोर्ट मिलेगी। हेपेटाइटिस जांच के लिए अलग किट इस्तेमाल होती है, मशीनरी यही रहेगी। किट के लिए बजट मिल चुका है, कोरोना खत्म होने का इंतजार है।
डा. महाजन के मुताबिक कोविड लैब अक्टूबर-2020 में स्थापित हुई थी। रोजाना 700-800 सैंपल की टेस्टिग होती है। अब तक 1.85 लाख 318 स्वाब सैंपल की जांच लैब में हो चुकी है। इनमें से 11 हजार 476 पाजिटिव और 1.73 लाख 842 नेगेटिव रिपोर्ट मिली हैं। एक मशीन और मिलेगी
लैब के लिए एक और आरटीपीसीआरमशीन मिलने की संभावना है। एलाइजा रीडर मशीन पहले ही मिल चुकी है। अब मलेरिया और डेंगू मरीजों की जांच इसी लैब में होती है। कालांतर में जिला रेडक्रास सोसाइटी के ब्लड बैंक में सैंपल भेजे जाते थे। अक्टूबर-2020 से अब तक लैब में टेस्टिग
माह कुल सैंपल नेगेटिव पाजिटिव
अक्टूबर 9181 8978 203
नवंबर 19554 18590 964
दिसंबर 36001 35208 793
जनवरी 20525 20392 133
फरवरी 16093 16025 68
मार्च 15980 15508 472
अप्रैल 19501 15313 4188
मई 28231 23727 4504
जून 18678 18527 151
जुलाई 1574 1574 00