Rain in Jind: जींद में बारिश ने याद दिलाई 1995 की बाढ़, हजारों एकड़ फसल बर्बाद, सड़कें लबालब

हरियाणा में सितंबर में मानसून की बारिश दर्द दे रही है। जींद में हुई भीषण बारिश से खेत से लेकर सड़कें जलमग्‍न हो गई हैं। फसले बर्बाद होने के बाद अब सड़कों और घरों में भी पानी भरना शुरू हो गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 10:57 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 10:57 AM (IST)
Rain in Jind: जींद में बारिश ने याद दिलाई 1995 की बाढ़, हजारों एकड़ फसल बर्बाद, सड़कें लबालब
जींद में सड़क पर भरा बारिश का पानी।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद में हुई जोरदार बारिश ने 1995 में आई बाढ़ की याद दिला दी। बुधवार को हुई बारिश की वजह से जुलाना क्षेत्र के कई गांव में फसलें डूब गई हैं। ड्रेन भी ओवरफ्लो हो गई हैं। जिससे ग्रामीण आबादी में भी पानी घुस चुका है। ऐसे में लोगों को घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है। जुलाना के शामलो कलां व रामकली गांव के बीच सड़क पर पानी भरने की वजह से आपस में दोनों गांव का कनेक्शन टूट गया है।

रामकली गांव से काफी संख्या में छात्र व छात्राएं शामलो कलां सरकारी स्कूल में आते हैं लेकिन बारिश की वजह से वीरवार को वह स्कूल नहीं आ सके। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनके यहां निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि आम जनजीवन प्रभावित ना हो। बता दें कि बुधवार को जुलाना में 110 एमएम बारिश हुई जिससे खेतों का पानी भरकर है सड़कों पर आ गया वही शामलो पड़ाना ड्रेन जो इसी सीजन में सरकार ने पक्की करवाई है। वह भी ओवरफ्लो हो गई और दूर-दूर तक केवल पानी ही पानी नजर आ रहा है। लोग बच्चों को घरों से बाहर निकालते हुए डर रहे हैं। क्योंकि तालाब ओवरफ्लो हो चुके हैं और गलियों में पानी भर चुका है। जिससे यह नहीं पता चल रहा कि गली कहां है और सड़क कहां।

3 साल पहले भी हुआ था यही हाल

साल 2018 में 23 व 24 सितंबर को जुलाना में जोरदार बारिश हुई थी उस समय भी दर्जनों गांव में हजारों एकड़ फसल डूब गई थी पानी निकालने में करीब 15 दिन लग गए थे जिससे फसलें नष्ट हो गई। वही हाल फिलहाल है। किसानों ने प्रशासन से पानी की निकासी कराने और फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने की मांग की है।

छह माह की मेहनत पर फिरा पानी

किसानों ने मेहनत कर कपास धान की फसल तैयार की थी अगले 10 से 15 दिनों में धान की फसल की कटाई शुरू होने वाली थी वही कपास की फसल मैं पिंटिया चुके और कपास के लिए लगी थी किसानों का कहना है कि फसल में जो लागत आनी थी वह आ चुकी थी और मेहनत भी कर चुके थे अब जब फसल काटने की बारी आई तो बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। प्रति एकड़ फसल पर 15 से 20 हजार रुपये खर्च हुआ है। सरकार इस नुकसान की भरपाई करे।

रामकली में अनाउंसमेंट, दिन में केवल एक बार आएगी पानी की सप्लाई

जलभराव की वजह से गांव रामकली के भी लोग परेशान हैं। यहां ग्राम पंचायत ने अनाउंसमेंट करा दी है कि गांव में पानी की सप्लाई दिन में एक बार ही आएगी। पहले गांव में दो से तीन बार पानी की सप्लाई आती थी। लेकिन अभी जलभराव होने की वजह से और पानी ना बढे। इसलिए पानी की सप्लाई में कटौती का फैसला लिया गया है। क्योंकि सप्लाई का पानी बहने की वजह से दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।

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