अंबाला में नहीं बनेंगे हैवी ड्राइविंग लाइसेंस, कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक की लगानी होगी दौड़, फीस भी बढ़ी
अंबाला में अब हैवी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनेगा। सरकार ने नया नियम जारी किया है। अब कैथल बहादुरगढ़ और रोहतक में ट्रायल देकर सर्टिफिकेट लाना पड़ेगा। नई गाइडलाइन के तहत लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की फीस भी बढ़ा दी गई है।
अंबाला, जेएनएन। अब हैवी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अंबाला नहीं कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में ट्रायल करके प्रामाण पत्र लेना होगा। इसके लिए ट्रांसपोर्ट मुख्यालय के सहायक सचिव भारत भूषण ने आदेश जारी कर दिया है। अभी तक हैवी लाइसेंस के लिए सीधे आरटीए कार्यालय में फाइल जमा करने के बाद लाइसेंस बनाने का नियम था।
ट्रांसपोर्ट मुख्यालय से सहायक सचिव भारत भूषण का आदेश जारी होते ही आरटीए अंबाला में हैवी गाड़ी यानी कॉमर्शियल वाहन चलाने के लिए लाइसेंस का आवेदन रोक दिया गया है। सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण की फीस में 7 से 10 गुना तक इजाफा कर वाहन मालिकों को जहां जोर का झटका दिया है। वहीं आरटीए की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। नई गाइडलाइन के तहत लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस की लाइसेंस फीस बढ़ा दी गई है। पक्के लाइसेंस के लिए तीन पहिया और चार पहिया और भारी कामर्शियल वाहनों की लाइसेंस फीस बढ़ाकर स्मार्ट कार्ड में शामिल कर दिया है।
रोजाना 20 से 30 फाइलें जमा होती थीं
आरटीए कार्यालय में कामर्शियल गाड़ी का लाइसेंस के लिए रोजाना 20 से 30 आवेदन होते थे। ट्रांसपोर्ट मुख्यालय से आदेश जारी होते ही आरटीए अंबाला कार्यालय में आवेदन करने के लिए पहुंच रहे लोगों को कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक संपर्क करने को कहा जा रहा है।
पक्के लाइसेंस संबंधित पते पर डाक से पहुंचेंगे
नई व्यवस्था के मुताबिक लाइसेंस आरटीए सीधे संबंधित के पते पर डाक से भेजेगा। डाक का खर्च भी आरटीए कार्यालय में जमा करना होगा। साथ ही लाइसेंस जारी होने पर मोबाइल नंबर पर मैसेज से सूचना आएगी। इसके बाद जब लाइसेंस जारी होगा तो भी मैसेज पहुंचेगा। इसके अलावा जब आरटीए कार्यालय से लाइसेंस बनकर तैयार होगा और डाक विभाग में डिस्पैच नंबर का भी मैसेज मोबाइल पर पहुंचेगा।
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