Health Tips: बदलते मौसम में सेहत का रखें विशेष ध्यान, सर्दी की दस्तक, बच्चों-बुजुर्गों को निमोनिया का खतरा
सर्दी का मौसम शुरू होते ही खांसी-जुकाम बुखार के साथ निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। समय से इलाज न मिले या फिर बच्चे का उचित ध्यान न रखा जाए तो निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है।
पानीपत, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी का खतरा कम हुआ है। सीरो सर्वे-3 की रिपोर्ट देखें तो 85 प्रतिशत बच्चों-किशोरों के शरीर में महामारी से लड़ने के लिए एंटीबाडी बन चुकी है। अब सर्दी से बच्चों को बचाने की जरूरत है। सुबह-शाम सर्दी की दस्तक बच्चों व बुजुर्गों को ही अधिक सताती है।
सर्दी में बढ़ता है निमोनिया का खतरा
सिविल अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डा. आलोक जैन ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सर्दी का मौसम शुरू होते ही खांसी-जुकाम, बुखार के साथ निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। समय से इलाज न मिले या फिर बच्चे का उचित ध्यान न रखा जाए तो निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है। निमोनिया का अधिक खतरा नवजात, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। बच्चे अपनी परेशानी बता नहीं सकते, इसलिए छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षणों को पहचानना बहुत ही जरूरी है। निमोनिया, न्युमोकस जीवाणु के कारण होता है। लगभग 16 प्रतिशत बच्चों को न्युमोकाकस जीवाणु प्रभावित करता है। इससे बचाव के लिए पीसीवी टीका सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क लगाया जाता है।
डा. जैन के मुताबिक निमोनिया जीवाणु और विषाणु दोनों प्रकार से फैलता है। बच्चे को निमोनिया बने रहने से कोविड-19 का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में स्वाब सैंपल जांच अनिवार्य है।
निमोनिया के लक्षण :
-बच्चों की श्वास तेज चलना।
-श्वास लेते समय घरघराहट की आवाज आना।
-खांसी-बुखार के साथ पसलियों का चलना।
-व्यस्कों में श्वास लेते और खांसते समय सीने में दर्द।
-पसीना आना, ठंड लगना, बलगम के साथ खांसी।
निमोनिया से बचाव :
-बच्चे-वयस्क निमोनिया से पीड़ित हैं तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
-घरेलू उपचार में काढ़ा और भाप का सेवन आराम दे सकता है।
-खानपान में गर्म चीजों काे शामिल करना चाहिए।
-शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहनें।
-सर्दी लगे तो गर्म कपड़े पहनना ही ठीक होगा।
-कक्ष में पंखा-कूलर है तो उसे बंद रखें।
-रात के समय बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं।
-पानी को उबाल कर ही पिएं।