बच्‍चों को सेहतमंद रखने की पहल, एक नवंबर से पानीपत के स्‍कूलों में जाएगी हेल्‍थ टीम

अब स्‍कूलों में स्वास्थ्य जांच के साथ हर विद्यार्थी की कोरोना जांच होगी। राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम के तहत इस मिशन की शुरुआत की गई है। एक नवंबर से पानीपत के स्‍कूलों में टीम पहुंचेगी। अगर कोई बच्‍चा बीमार मिलेगा तो उसे पास के सीएचसी या पीएचसी में पहुंचाया जाएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 08:16 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 08:16 AM (IST)
बच्‍चों को सेहतमंद रखने की पहल, एक नवंबर से पानीपत के स्‍कूलों में जाएगी हेल्‍थ टीम
एक नवंबर से हेल्‍ट टीम स्‍कूलों में जाएगी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्कूल हेल्थ की नौ टीमें अब जिला के स्कूलों में पहुंचेंगी। जिला नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने सिविल सर्जन कार्यालय को पत्र भेज, टीमों के आवागमन के लिए नौ गाड़ियां मांग ली है। टीमें एक नवंबर से बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करना प्रारंभ कर देंगी।

डा. वर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहे। घरों में रहने, आनलाइन पढ़ाई के कारण विद्यार्थियों को शारीरिक-मानसिक समस्याएं हुई होंगी, इससे इंकार नहीं कर सकते। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में हर विद्यार्थी की स्वास्थ्य जांच होगी। इनमें जबड़े, आंख, नाक, कान, गला की जांच के साथ तापमान भी जांचा जाएगा। कोई बच्चा बीमार मिला तो पास की सीएचसी-पीएचसी में पहुंचाया जाएगा। हर बच्चे की कोरोना जांच भी होगी।डा. वर्मा के मुताबिक बच्चों में सबसे अधिक दांतों से संबंधित रोग मिलते हैं। कुछ बच्चों की नजर कमजोर मिलती है।

कान में गंदगी जमा होने, पर्दा फटा होने के कारण सुनाई कम देता है। दिल में छेद के केस भी सामने आते रहे हैं। आरबीएसके के तहत सभी बच्चों का इलाज निश्शुल्क कराया जाता है।

दांतों का ख्याल रखने के लिए यह दी जाती है सीख :

-चाकलेट या टाफी का सेवन न करें।

-कुछ भी खाने के बाद ठीक से कुल्ला करें।

-नरम बालों वाले ब्रश का उपयोग करें।

-नियमित सुबह और सोने से पूर्व ब्रश करें।

-ब्रश करने में लगभग दो मिनट का समय दें।

-फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें।

-ब्रश को प्रत्येक तीन-चार माह में बदल दें।

स्कूल प्रबंधन को पहले ही दिए निर्देश :

-हर विद्यार्थी, शिक्षक, स्टाफ, नान स्टाफ मास्क पहनेंगे।

-प्रत्येक क्लास रूम में हैंड सैनिटाइजर होना चाहिए।

-स्टाफ और विद्यार्थी दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करेंगे।

-प्रतिदिन थर्मल स्कैनर से स्टाफ-विद्यार्थियों की जांच के बाद प्रवेश मिलेगा।

-मध्यान्तर के बाद टच वाले स्थान का सैनिटाइजेशन जरूरी।

-हैंड वाशिंग का स्कूल में इंतजाम होना चाहिए।

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