कोरोना की तीसरी लहर की चिंता, पानीपत सिविल अस्पताल में बच्चों के लिए बनेगा आइसोलेशन वार्ड

पानीपत में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग चिंतित है। इसके लिए सिविल अस्पताल में पीआइसीयू बनेगा। साथ ही बच्चों के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनेगा। इसको 12 सदस्‍यीय कमेटी की देखरेख में तैयार किया जाएगा।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:33 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:33 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर की चिंता, पानीपत सिविल अस्पताल में बच्चों के लिए बनेगा आइसोलेशन वार्ड
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू।

पानीपत, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर दम तोड़ रही है। अब विभाग को तीसरी लहर की चिंता सता रही है। व्यस्कों के लिए गहन चिकित्सा यूनिट (आइसीयू) व आइसोलेशन वार्ड-बेड पर्याप्त हैं, बच्चों के लिए नहीं है। अब सिविल अस्पताल में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) और 25 बेड का स्पेशल आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। क्रियान्वयन के लिए 12 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।

सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल आफिसर एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डा. आलोक जैन ने जागरण को बताया कि 18 प्लस के लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है। व्यस्कों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत, जबकि बच्चों की कमजोर होती है। विशेषज्ञ भी बच्चों पर तीसरी लहर का अधिक प्रभाव पड़ने की आशंका जता रहे हैं। कोरोना की पहली-दूसरी लहर में 0-14 साल के 1900 से अधिक बच्चे संक्रमित मिल चुके हैं। एहतियात के तौर पर तैयारी जरूरी है। कौन सी फैसिलिटी कहां बनानी है, उसके लिए भी जगह देखी जा रही है। इस विषय को लेकर जल्द बैठक होगी। कमेटी में शामिल 12 सदस्य अपनी डिमांड सौंपेंगे। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा डा. वीना सिंह के आफिस से भी गाइडलाइन मिली हैं। उन्हीं को ध्यान में रखते हुए अस्पताल में पीआइसीयू, स्पेशल आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जाएंगे।

निजी चिकित्सक भी रहें तैयार

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पानीपत से जुड़े, निजी प्रेक्टिस करने वाले शिशु रोग विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं। निजी बाल रोग विशेषज्ञ सरकारी केंद्र में पहुंचकर सेवा देने में असमर्थ हो तो टेली कन्सलटेंसी के माध्यम से विभाग का सहयोग करेंगे।

हर बेड पर होगा मानिटर

आक्सीजन लेवल व पल्स रेट को जांचने के लिए आक्सीमीटर की समस्या कोरोना की दूसरी लहर में बनी रही। खासकर, होम आइसोलेशन में रह रहे अधिकांश मरीजों को आक्सीमीटर उपलब्ध नहीं हुआ था। हर बेड पर मानिटर रहे, यह प्लान है। अस्पताल में सैंट्रल आक्सीजन सुविधा पहले से है। आक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर भी हैं।

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