बच्चों-किशोरों को हर सप्ताह खिलाएंगे आयरन फोलिक एसिड गोली, जानिये वजह और सावधानियां
एनिमिया मुक्त भारत अभियान की कवायद तेज कर दी गई है। केंद्र सरकर के अभियान को गति देने के लिए पानीपत में स्वास्थ्य विभाग ने भी जरूरी कदम उठान शुरू कर दिया है। अब हर बच्चे और किशोर को प्रत्येक सप्ताह आयरन फोलिक एसिड की गोली या सिरप दिया जाएगा।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत की 40 फीसद से अधिक किशोरी-महिलाएं गंभीर एनेमिक (रक्त में प्रति डेसी लिटर सात ग्राम से भी हिमोग्लोबिन) हैं। एक वर्ष में 5378 बच्चे-किशोर कुपोषित चिन्हत किए गए हैं। केंद्र सरकार ने एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम शुरू किया है। अब हर बच्चे-किशोर को प्रत्येक सप्ताह आयरन फोलिक एसिड की गोली या सिरप दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वीकली आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण (विफ्स) के नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सीएचसी-पीएचसी और ग्राम पंचायतों में टी-थ्री (टॉक शो, टेस्ट और ट्रीटमेंट) कैंप लगाए जाएंगे। किशोरियों-महिलाओं (गर्भवती) के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण पर ध्यान दिया जाएगा। उन्हें पौष्टिक खानपान की जानकारी भी दी जाएगी। किशोर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनीषा ने एनिमिया की तीन स्थितियों (सीमित, कम और गंभीर ) की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वीकली आयरन फोलिक एसिड अनुपूरण (विफ्स) कार्यक्रम में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी वर्कर्स और शिक्षकों की अहम है।
एक साल में गंभीर एनेमिक चिन्हित :
डेढ़ माह से तीन वर्ष आयु 687 मेल, 850 फीमेल
तीन से छह वर्ष आयु 909 मेल 779 फीमेल
छह से 18 वर्ष आयु 939 मेल 1214
गर्भवती के लिए जरूरी फोलिक एसिड :
गर्भ धारण करने के चार सप्ताह बाद दोष शुरू होते हैं। फोलिक एसिड की कमी से तंत्रिका नली दोष हो सकता है। गर्भ में पल रहे भ्रूण पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। गोली का सेवन करने से पहले स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ से सलाह लेना न भूलें।
बच्चों को इसलिए गोली :
कक्षा में ध्यान केंद्रित कर सकें।
दिनभर ऊर्जावान महसूस करें।
खेलने में परेशानी न हो।
अच्छी तरह से पढ़ सकें।
गोली खाते वक्त रखें ध्यान :
-खाली पेट गोली न खाएं।
-गोली को एक गिलास पानी के साथ लें।
-बीमार होने पर खाना बंद न करें।
-दिक्कत होने पर चिकित्सक से संपर्क करें।