अंबाला के गांव में कोरोना से जंग को रेपिड किट का ही सहारा, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच
अंबाला के गांव में फैल रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग फिर मैदान में आ गया। हालांकि एक बार फिर से उनका सहारा रेपिड एंटीजन किट ही बनी है। उसी से जांच की शुरुआत की जा रही है।
अंबाला, जेएनएन। अंबाला में स्वास्थ्य विभाग ने फिर से रेपिड एंटीजन किट से लोगों की जांच करने का काम शुरू कर दिया है। गांवों में रेपिड किट से लोगों की जांच का काम किया जा रहा है। जिले में हर रोज करीब 3500 नमूने लेने का काम किया जा रहा है। इसमें 1500 लोगों की जांच रेपिड एंटीजन ट से की जा रही है। वहीं कोरोना मरीजों की संख्या कम होने पर रेपिड किट से जांच का काम बंद कर दिया था।
मालूम हो कि अंबाला में वर्ष 2020 दिसंबर, और वर्ष 2021 जनवरी और फरवरी में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ नीचे गिर गया था। इस दौरान एक दिन में आठ से दस ही कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे थे।
इस पर मुख्यालय ने आदेश दिए थे कि रेपिड एंटीजन किट से लोगों की जांच न की जाए। फ्लू ओपीडी, मोबाइल हेल्थ टीम और अस्पतालों में कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट किए जाए। क्योंकि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 100 फीसद कंफर्म होती है, जबकि रेपिड एंटीजन किट की जांच 70 फीसद सही मानी जाती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने रेपिड एंटीजन किट से लोगों की जांच का काम बंद कर दिया था।
अस्पताल में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की रेपिड एंटीजन किट से जांच की जाती थी। अब कोरोना संक्रमण का ग्राफ बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग ने नमूने लेने की क्षमता को बढ़ा दिया है। वर्तमान में एक दिन में 3500 नमूने लिए जा रहे हैं। इसमें 1000 से 1500 नमूने रेपिड एंटीजन किट से लिए जाते हैं। गांवों में लोगों की रेपिड एंटीजन किट से ही जांच की जा रही है।
इस संबंध में जिला महामारी नियंत्रक अधिकारी डा. सुनील हरि ने बताया कि जिले में एक दिन में करीब 3500 लोगों के नमूने लिए जा रहे हैं। इसमें रेपिड एंटीजन किट से लोगों की जांच की जा रही है।