करनाल में मानसून के दस्तक से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, एंटी लारवा एक्टिविटी को लेकर बैठक

मानसून के दस्तक से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा मलेरिया डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतने की जरूरत हर साल सामने आ रहे मलेरिया के केसों में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 05:29 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 05:29 PM (IST)
करनाल में मानसून के दस्तक से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, एंटी लारवा एक्टिविटी को लेकर बैठक
स्‍वास्‍थ्‍य विभाग मानसून की वजह से अलर्ट हो गया।

करनाल, जेएनएन। प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही स्वासथ्य विभाग डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया को लेकर अलर्ट हो गया है। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि बरसात के मौसम में अक्सर घरों के छत पर या बालकनी में कई जगहों पर पानी एकत्रित हो जाता है, जहां से डेंगू व मलेरिया के पनपने का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

जिले में ब्रीडिंग चेकर, फील्ड वर्कर द्वारा घर-घर जाकर मलेरिया उन्मूलन संबंधित मच्छर के लारवा की ब्रीडिंग चेक की जा रही है और ब्रीडिंग पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से टीमों द्वारा टेमिफोस की दवाई डलवाकर लारवा को नष्ट किया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे हर रविवार को सभी लोग ड्राइ डे के रूप मे मनाएं, जिस दौरान घर के सभी कूलर व टंकियों को अच्छी तरह से कपड़े से रगड़कर साफ कर लें, फ्रिज की ट्रे का पानी जो बिजली जाने के बाद फ्रिज की बर्फ के पिघलने से ट्रे में एकत्रित होता है, उसको जरूर साफ करें। अगर साफ करना संभव न हो तो उसमे 5 से 10 एमएल पेट्रोल या डीजल का तेल डाल सकते हैं। क्योंकि फ्रिज की ट्रे के साफ पानी में डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर की उत्पत्ति होती है। एंटी लारवा एक्टिविटी के लिए जल्द ही फील्ड में टीमें उतारी जाएंगी।

जिले में छह सालों में मलेरिया की स्थिति

वर्ष मलेरिया के केस

2012 2438

2013 1201

2014 249

2015 255

2016 171

2017 85

2018 00

2019 75

2020 88

नोट : यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।

यह हैं मलेरिया के मुख्य लक्षण

- सर्दी व कपकपी के साथ तेज बुखार का होना, सिरदर्द होना व गंभीर मामलो मे उल्टियां होना।

मलेरिया का उपचार व बचाव

कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। इसलिए बुखार होने पर अपने नजदीक स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत रक्त की जांच कराएं। मलेरिया होने पर तुरंत 14 दिन का पूर्ण आमूल उपचार स्वास्थ्यकर्मी की देख रेख मे लें, क्योंकि आमूल उपचार ना लेने से मलेरिया बुखार बार-बार होता है। मलेरिया बुखार बार-बार होने से खून की कमी हो जाती है जोकि बहुत घातक होती है। घरों में मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव करवाएं। मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें। घर के आस-पास पानी इक न होने दें। बरसात का मौसम शुरु होने से पहले घर के आस-पास के गड्ढों को भर दिया जाए ताकि बरसात का पानी इक न होने पाएं, जिसमें मच्छर पनपते है।

डेंगू के लक्षण

- अकस्मात तेज बुखार का होना, आचनक तेज सिर दर्द होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जोकि आंखों को घुमाने से बढ़ता है।

चिकिनगुनिया के लक्षण

बुखार के साथ जोड़ों में दर्द व सूजन होना, कपकपी व ठंड के साथ बुखार का अचानक बढ़ना, सिर दर्द होना।

क्या करें?

घरों के आस-पास गड्ढों को मिट्टी से भरवा दें। अपने कूलर, होदी या पानी से भरे हुए बर्तन सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें व कपड़े से अच्छी तरह से रगड़कर साफ करके प्रयोग करें। शरीर को ढक कर रखे और मच्छर रोधी दवा या क्रीम व कीटनाशक दवाई से उपचारित मच्छरदानी का उपयोग करे एवं पूरी बाजू के वस्त्र पहने। छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढक्कन लगाकर बंद रखे। बुखार आने पर डाक्टर की सलाह अवश्य लें।

क्या ना करें?

स्वयं दवा न खाएं, एसप्रीन, ब्रुफिन दवाइयों का सेवन ना करें। घरों के आस-पास के गड्ढों में सात दिन से ज्यादा पानी इकत्रित न होने दें। पुराना सामान जैसे टायर, ट्यूब, खाली डिब्बे, पालीथिन के लिफाफे खुले मे न फेंके, ताकि बरसात का पानी उनमें ना भरे। यदि कूलर प्रयोग में नहीं लाया जा रहा है, तो उसमे पानी इक न होने दें। हैंडपंप या नल के आस-पास पानी जमा न होने दें। टायर ट्यूब, खाली डिब्बे खुले में न छोड़े। पानी ठहरेगा जहां मच्छर पनपेगा वहां।

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