Weather Update: मौसम में अचानक आएगा बदलाव, प्रदूषण से भी मिलेगी राहत, जानिए क्‍या कहते हैं मौसम विज्ञानी

हरियाणा में मौसम में अचानक बदलाव होगा। कई जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ गया है। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक अब धीरे-धीरे तापमान में गिरावट के साथ ही प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति। ओस गिरने से हवा में फैले जहरीले कण जमीन पर आने शुरू हो जाएंगे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 17 Nov 2021 09:46 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 09:46 AM (IST)
Weather Update: मौसम में अचानक आएगा बदलाव, प्रदूषण से भी मिलेगी राहत, जानिए क्‍या कहते हैं मौसम विज्ञानी
नवंबर के आखिरी में मौसम में बदलाव होगा।

करनाल, जागरण संवाददाता। इस समय तापमान में गिरावट का दौर जारी है। न्यूनतम तापमान 10.0 डिग्री से नीचे आया गया है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि नवंबर के अंत तक मौसम में ठंडक ओर घुलेगी। रात का तापमान 7.0 डिग्री से भी नीचे जा सकता है। इसके साथ ही रात के समय पड़ने वाली ओस का सिलसिला भी शुरू हो गया है। यह ओस हवा में फैले जहरीले कणों को जमीन पर लाने में सहयोगी साबित होगी, जिससे प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे गिरावट आ जाएगी और मौसम साफ होना शुरू हो जाएगा।

अभी ऐसा कोई पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने की संभावना नजर नहीं आ रही है जो हरियाणा, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र को प्रभावित करे। ऐसे में संभव है कि प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे ही कम होगा। इधर पहाड़ी क्षेत्रों पर बर्फबारी की वजह से मैदानी भागों का न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। जिसकी वजह से ठंड का एहसास बढ़ गया है। करनाल का अधिकतम तापमान 26.0 डिग्री व न्यूतनम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस तक आ गया है।

इस समय देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक फैला हुआ है। यह पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा और 24 घंटों में यह गहरे निम्न दबाव में बदल सकता है। इसके 18 नवंबर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु तट पर पहुंचने की उम्मीद है।

कर्नाटक तट के पास पूर्वी केंद्र अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, संबंधित चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक बढ़ रहा है और इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने और बाद के 48 घंटों में यह गहरे निम्न दबाव में बदल सकता है। एक टर्फ रेखा पूर्वी मध्य अरब सागर पर निम्न दबाव के क्षेत्र से लेकर कर्नाटक रायलसीमा और तेलंगाना होते हुए उत्तरी ओडिशा तक फैली हुई है।

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