Haryana weather update: हरियाणा से फिर रूठा मानसून, जानिये आगे कैसा रहेगा मौसम

हरियाणा में मानसून के दूसरे चरण की शुरुआत अच्छी नहीं हुई है। अगस्त में अब तक 6.5 एमएम कम बारिश हुई है। शुक्रवार 6 अगस्त से आसमान साफ हो जाएगा। गर्मी और उमस सताएगी। हालांकि वीरवार को बूंदाबांदी की संभावना है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 04:47 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 04:47 PM (IST)
Haryana weather update: हरियाणा से फिर रूठा मानसून, जानिये आगे कैसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त और सितंबर में अनुमानित बरसात का आंकड़ा पूरा होगा।

जागरण संवाददाता, करनाल। मानसून के दूसरे चरण यानि अगस्त से सितंबर माह तक मौसम विभाग ने 94 से 106 प्रतिशत बरसात की संभावना जताई है। वीरवार को बादल छाए तो रहे, लेकिन बरसात न के बराबर ही हुई। करनाल में हल्की बौछारें गिरी हैं।

हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में वीरवार को बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। लेकिन इसके बाद मौसम साफ हो जाएगा। बरसात की कमी के साथ-साथ उमस और गर्मी झेलनी पड़ सकती है। मानसून के दूसरे चरण की शुरुआत धीमी हुई है। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान है कि अगस्त व सितंबर माह में अनुमानित बरसात का आंकड़ा पूरा होगा। छह अगस्त से मौसम साफ हो जाएगा। इससे उसम बढ़ेगी। प्रदेश में अब एक से चार अगस्त तक 25.5 एमएम बरसात होनी चाहिए थी, लेकिन 19.0 एमएम ही हो पाई है।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम

निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमजोर होकर उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। इसी जगह पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है। मानसून की रेखा अब अनूपगढ़ से होती हुई उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश के ऊपर बने हुए नंदगांव के क्षेत्र के मध्य से गुजर रही है तथा वाराणसी पटना और मालदा होते हुए त्रिपुरा की तरफ जा रही है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना हुआ है और यह समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक है।

 फिलहाल धान के खेत पानी से लबालब

सबसे ज्यादा पानी की जरूरत धान की फसल को होती है, लेकिन इस समय धान के खेत पानी से लबालब हैं। अकेले करनाल में करीब 12 हजार एकड़ फसल पानी में डूबी हुई है। जुलाई माह में हुई ताबड़तोड़ बरसात के कारण यह समस्या पैदा हुई है। मौसम में ठंड बराकार रखने के लिए बूंदाबांदी की जरूरत है, तेज बरसात फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। अगर तेज बरसात होती है तो फसल पानी में ओर डूब जाएगी। इससे किसानों को नुकसान की संभावना है।

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