Haryana weather update: मानसून दे रहा मौसम विज्ञानियों को चकमा, कभी पूर्वानुमान फेल तो कभी उम्मीद से ज्यादा बारिश, जानिए वजह

हरियाणा के मौसम विज्ञानी मानसून की चाल से हैरान हैं। पूरे देश में मानसून के ओवरऑल प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो यह संतोषजनक रहा है। मौसम विभाग का मानना है कि कोई भी दो मानसून सीजन एक समान नहीं होते। हर मानसून सीजन में परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 11:32 AM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 11:32 AM (IST)
Haryana weather update: मानसून दे रहा मौसम विज्ञानियों को चकमा, कभी पूर्वानुमान फेल तो कभी उम्मीद से ज्यादा बारिश, जानिए वजह
हरियाणा में मानसून सक्रियता के कारण दो दिनों तक तेज बरसात हो सकती है।

प्रदीप शर्मा, करनाल। दक्षिण-पश्चिमी मानसून का अब तक का सफर रोचक होने के साथ-साथ हैरान कर देने वाला भी रहा है। समय से पहले मानसून की दस्तक ने उम्मीद बंधा दी थी कि अच्छी बरसात होगी, लेकिन मौसम विभाग के सभी पूर्वानुमान फेल हो गए। जहां सामान्य बरसात की उम्मीद विज्ञानियों ने जताई थी वहां पर मूसलाधार बरसात हो गई।

हालांकि पूरे देश में मानसून के ओवरऑल प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो यह संतोषजनक रहा है। रविवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन उमस बरकरार है। किसी भी समय प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में तेज बरसात हो सकती है। मौसम विभाग का मानना है कि कोई भी दो मानसून सीजन एक समान नहीं होते। हर मानसून सीजन में परिस्थितियां अलग-अलग होती हैं। इसलिए परिस्थितियों पर ही निर्भर करता है कि मानसून का प्रदर्शन आने वाले समय में कैसा रहने वाला है। 

इस मानसून सीजन के कुछ महत्वपूर्ण पहलू

21 मई को मानसून सैन्य समयपालन यानि फिक्स समय के साथ दक्षिण अंडमान सागर में पहुंचा। 23-28 मई के बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर सौजन्य चक्रवात 'यस', मानसून सामान्य से एक दिन पहले आया। समय पर शुरू होने के बाद, 24 घंटे में पूरे पूर्वोत्तर भारत, सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल को कवर करने के लिए 06 जून को एक बड़ी छलांग लगाई। मानसून अपनी सामान्य तिथि से एक दिन पहले 09 जून को मुंबई पहुंचा और 24 घंटे में 231 मिमी बरसात के साथ शानदार शुरूआत की। 11 जून को मानसून सामान्य से पहले बिहार में प्रवेश कर गया और जून में 111 प्रतिशत अधिक बरसात के साथ सबसे अधिक बरसात वाला राज्य बन गया। मानसून ने हरियाणा में समय से पहले 13 जून को ही दस्तक दे दी, लेकिन गरज के साथ छींटै पड़े, लेकिन जून का दूसरा पखवाड़ा सूखा ही बीता, उम्मीद के अनुरूप बरसात नहीं हुई। इस क्षेत्र में ब्रेक मानसून की स्थितियां पैदा हो गई। मानसून ने 09 और 19 जून के बीच गुजरात राज्य को कवर करने के लिए अच्छी प्रगति की और 30 जून के सामान्य आगमन से काफी पहले कच्छ क्षेत्र को कवर किया। बंगाल की खाड़ी से मानसून की पूर्वी दिशा 13 जून से 11 जुलाई तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में अटकी रही, जो हाल के दिनों में सबसे लंबी दौड़ में से एक है। दिल्ली में 15 जून को जल्दी आगमन का पूर्वानुमान विफल हो गया और यह दो सप्ताह की देरी से 13 जुलाई को पहुंचा। 2013 के बाद पहली बार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर में मानसून की सक्रियता के कारण अच्छी बरसात रही। मानसून 2021 ने केवल 10 दिनों में 80 प्रतिशत क्षेत्र को कवर कर लिया। उत्तर भारत तक पहुंचने में देरी के बावजूद, जून के महीने में एलपीए 110 प्रतिशत के साथ समाप्त हुआ।

यह भी जानिये

11 जून को बंगाल की खाड़ी पर पहला निम्न दबाव और उसके बाद के मध्य भागों में यात्रा के परिणामस्वरूप 20 जून तक महज 41 प्रतिशत बरसात हुई। हालांकि, इसके बाद कमजोर मानसून की स्थिति ने के कारण 11 जुलाई तक मानसून की कम सक्रियता के कारण बरसात आठ प्रतिशत रह गई। दूसरा निम्न दबाव का क्षेत्र 11 जुलाई को बना, मानसून सक्रिय हो गया और कमी अब पांच तक कम हो गई है। 15 और 16 जुलाई को दो दिनों के लिए मानसून गतिविधि मंद हो गई। मानसून सक्रियता के कारण अब दो दिनों तक तेज बरसात हो सकती है।

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