Haryana Weather forecast : अलर्ट रहिए, मानसून की झमाझम बरसात के साथ होगी जुलाई की विदाई, जानिए फिर कैसा रहेगा मौसम
अलर्ट रहने की जरूरत है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो जुलाई के आखिरी में काफी तेज बारिश होगी। हरियाणा में अब तक सामान्य से 15 प्रतिशत दिल्ली में 27 अधिक बरसात पड़ोसी राज्य पंजाब में सामान्य से 21 फीसदी हुई है कम बरसात। चंडीगढ़ में 44 फीसद कम बरसात दर्ज।
करनाल, जागरण संवाददाता। मानसून सीजन में सावन की झड़ी बरसात की कमी के आंकड़े को पूरा कर सकती है। मौसम विभाग ने 31 जुलाई तक मौसम परिवर्तनशील रहने की प्रबल संभावना जताई है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश की वजह से नदियां भी उफान पर रहेंगी। ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत है।
मंगलवार को शुरू हुई मानसून की बरसात से हरियाणा में सामान्य बरसात हुई है। प्रदेश के अधिकतर जिले बरसात से भीगे हैं। जुलाई की विदाई भी बरसात के साथ ही होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने जैसा अनुमान जताया था, बंगाल की उत्तरी खाड़ी और इससे सटे बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटीय भागों पर एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है। इससे पहले एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र लगभग 48 घंटे तक बना रहा और इसके प्रभाव में, जुलाई का तीसरा निम्न दबाव क्षेत्र बंगाल की उत्तरी खाड़ी के ऊपर बना है।
महीने का पहला लो प्रेशर 11 जुलाई को बना था और दूसरा लो प्रेशर 22 जुलाई को बना था। कुल मिलाकर, यह भारतीय समुद्रों में मानसून 2021 का चौथा निम्न दबाव है और सांख्यिकीय रूप से इसे मौसम के आधे रास्ते की औसत संख्या माना जाता है। यह निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों के लिए उत्तरी खाड़ी और पड़ोसी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के ऊपर बने रहने की संभावना है। इस अवधि के दौरान, इसके और अधिक संगठित होने और एक अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव में बदलने की उम्मीद है।
हरियाणा, दिल्ली व एनसीआर में अच्छी बरसात
इस समय मानसून की हरियाणा सहित दिल्ली एनसीआर में अच्छी बरसात दर्ज की गई है। मानसून सीजन में अब तक हरियाणा में सामान्य से 15 फीसदी अधिक बरसात दर्ज की गई है। दिल्ली में 27 फीसदी अधिक बरसात हुई है। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब में सामान्य से 21 फीसदी कम बरसात हुई है। चंडीगढ़ में भी मानसून की सक्रियता कम देखने को मिली है। यहां पर सामान्य से 44 फीसदी कम बरसात हुई है।
अभी यह बनी हैं संभावना
पिछली प्रणालियों के विपरित यह निम्न दबाव भारत-गंगा के मैदानों के साथ एक पारंपरिक ट्रैक लेने और मानसून की टर्फ के साथ आगे बढ़ने की संभावना है। यह प्रणाली धीमी गति से आगे बढ़ रही है और इसलिए लगभग चार से पांच दिन, 28 जुलाई से 02 अगस्त के बीच, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और पूर्वी राजस्थान के मैदानी इलाकों को कवर करेगी।