Haryana Roadways: जींद डिपो में बसों की समस्या, कई ग्रामीण व लोकल रूटों पर चक्कर किए कम

किलोमीटर स्कीम के तहत आई बसें तकरीबन लंबे रूटों पर चल रही है। इन बसों से प्रतिदिन 300 से भी ज्यादा किलोमीटर करवाए जा रहे हैं जबकि रोडवेज बसों को लोकल रूटों पर भेजा रहा है। जिससे रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 04:49 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 04:49 PM (IST)
Haryana Roadways: जींद डिपो में बसों की समस्या, कई ग्रामीण व लोकल रूटों पर चक्कर किए कम
बस स्टैंड पर बस के इंतजार में कुरुक्षेत्र रूट पर खड़े यात्री।

जींद,[सोनू थुआ] रोडवेज विभाग के जींद डिपो में इन दिनों बसों की समस्या बनी हुई हैं। इससे ग्रामीण व लोकल रूटों पर बसों के चक्कर कम हो गए हैं। इससे यात्रियों को सफर करने में भारी परेशानी हो रही है। बता दें कि बसों की कमी से जींद से कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक, नरवाना, असंध व रोहतक सहित कई रूट पर बसों के चक्कर कम कर दिए गए हैं। इससे कई- कई घंटे यात्रियों को बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। जींद डिपो में 120 रोडवेज बसें है। इन बसों में से आठ से नौ बसें तो मेटीनेंस होने के लिए प्रतिदिन वर्कशाप में खड़ी रहती हैं। इनके अलावा 37 बसें किलोमीटर स्कीम के तहत आई हुई हैं और डिपो में 5 गुलाबी बसें भी है। कोरोना से पहले यह गुलाबी बसें छोटे रूटों तथा छात्राओं के लिए स्पेशल चलाई जा रही थी। कोरोना के कारण इन बसों को एंबुलेंस के तौर पर रखा गया था। अब तक ये बसें भी आनरूट नहीं हुई है। 

किलोमीटर स्कीम की बसें चल रही है लंबे रूटों पर

किलोमीटर स्कीम के तहत आई बसें तकरीबन लंबे रूटों पर चल रही है। इन बसों से प्रतिदिन 300 से भी ज्यादा किलोमीटर करवाए जा रहे हैं, जबकि रोडवेज बसों को लोकल रूटों पर भेजा रहा है। जिससे रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है। इनके अलावा कई रूट ऐसे हैं, जहां पर न तो रोडवेज जा रही है और न ही किलोमीटर स्कीम के तहत आई बसों को भेजा जा रहा है। इससे लोकल रूटों के कई गांवों के लोग परिवहन सेवा से वंचित हो रहे हैं। किलोमीटर स्कीम की जींद डिपो, नरवाना सब डिपो व सफीदों में 37 बसें हैं। यह बसें जींद से जयपुर, जींद से श्रीगंगानगर, जींद से गुरुग्राम, जींद से सालासर, जींद से पटियाला, जींद से संगरूर, जींद से लुधियाना रूट पर चल रही हैं जबकि इन रूटों पर एक भी रोडवेज बसें नहीं है। हालांकि किलोमीटर स्कीम के तहत आई बसों से पहले इन रूटों पर रोडवेज बसें ही दौड़ती थी, लेकिन अब सभी लंबे रूटों पर अधिकतर किलोमीटर स्कीम वाली बसें ही दिखाई दे रही हैं।

लोकल रूटों पर बिना परमिट की दौड़ रही बसें

डिपो में बसों की कमी से जिले के कई रूटों पर बिना परमिट की निजी बसें दौड़ रही हैं। नरवाना से वाया समैण टोहाना, नरवाना से सुरजाखेड़ा, नरवाना-किठाना वाया काब्रछा, नरवाना से किठाना, नरवाना से छात्तर वाया करसिंधु लोकल रूट पर रोडवेज सेवा नहीं है। इनमें कुछ रूटों पर केवल बिना परमिट की बसें चल रही है। डाहौला व छात्तर रूट पर कम चक्कर किए गए हैं। मथुरा, हरिद्वार, मांडी, कोथ, ऋषिकेश व देहरादून रूट भी बंद पड़ा है। 

107 चालक और 110 परिचालक डिपो में

डिपो की रोडवेज, किलोमीटर स्कीम वाली बसें और गुलाबी बसों का संचालन करने की जिम्मेदारी 107 परिचालक और 110 चालकों पर है क्योंकि डिपो में फिलहाल 107 चालक और 110 परिचालक तैनात हैं। किलोमीटर स्कीम के तहत आई 37 बसों में रोडवेज का परिचालक होता है। रोडवेज और गुलाबी बसों में परिचालक और चालक दोनों रोडवेज के होते हैं। ऐसे में सभी बसों को चलाने के लिए परिचालकों और ड्राइवरों की कमी हो रही है। इनकी कमी के कारण लोकल रूटों पर बसों के चक्कर भी कम हो रहे हैं। इसके अलावा चालक और परिचालकों को समय पर अवकाश नहीं मिल रहे हैं। 

3 साल में 21 बसें हो चुकी हैं कंडम

पिछले 3 साल में जींद डिपो की 21 रोडवेज बसें कंडम घोषित हो चुकी हैं। वर्ष 2018-19 में 4 बसें कंडम हुई थी। इसके बाद वर्ष 2019-20 में 12 बसों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था। वर्ष 2020-21 में अब तक 5 बसें कंडम हुई है। हालांकि पिछले दिनों 12 बसें भी कंडम होनी थी, लेकिन निदेशालय ने उनका कार्यकाल बढ़ाकर 15 साल कर दिया है। विशेष बात यह है कि डिपो में वर्ष 2017 में केवल 30 बसें ही नई आई थी। इसके बाद 5 गुलाबी बसें तथा 37 किलोमीटर स्कीम के तहत आई हुई बसें ही डिपो में शामिल हुई हैं। 200 बसों का नार्म बनाया गया था। लेकिन अब यात्रियों की संख्या के हिसाब से 300 बसों के नार्म की डिपो को जरूरत है। 15 से 18 हजार के करीब यात्री रोजाना सफर तय करते हैं। 

हाउसिंग बोर्ड निवासी नारिश रोहिल्ला।

दिन में तीन बस अड्डे पर आया, पुंडरी की बस नहीं मिली

हाउसिंग बोर्ड निवासी नारिश रोहिल्ला ने बताया कि कुरुक्षेत्र रूट पर बसें नहीं मिल रही हैं। पुंडरी जाने के लिए दोपहर 1.40, 3.20 और 5.20 पर जाने वाली बसें मिस हो गईं। वह अपने रिश्तेदार को पुंडरी भेजने के लिए तीनों समय बस अड्डे पर गए, लेकिन बताया कि बस नहीं जाएगी। जब उन्होंने रोडवेज जीएम से बात की तो कहा कि विभाग के बेड़े में बसों की संख्या बहुत कम है। पहले 200 बसें थी, अब 98 रह गई हैं। वह कुछ नहीं कर सकते।

जल्द मिलेगी 35 नई बसें: गुलाब सिंह दूहन

जींद के जीएम गुलाब सिंह दूहन ने बताया कि बसों की कमी को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। जल्द 35 बसें डिपो को मिलेंगी। यात्रियों की संख्या के हिसाब से बसों को रूटों पर चलाया जा रहा है। 

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