घोटालों की शिकायत पर हरियाणा गृह मंत्री कार्यालय का जवाब- शिकायती ईमेल नहीं करते सेव

15 ईमेल कर जीएसटी पीजीटी रिफंड सहित छह घोटालों की शिकायत की गई थी फिर आरटीआइ में मिला अजीबो-गरीब जवाब। इनबाक्स फुल होने पर डिलीट कर देते हैं ईमेल। प्रार्थी को अधिकारियों की नसीहत भविष्य में केवल डाक से ही पत्राचार करें।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:50 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:50 AM (IST)
घोटालों की शिकायत पर हरियाणा गृह मंत्री कार्यालय का जवाब- शिकायती ईमेल नहीं करते सेव
घोटालों की शिकायत पर हरियाणा गृह मंत्री कार्यालय का ये जवाब आया।

अंबाला, [दीपक बहल]। राज्य सरकार जहां डिजिटल की ओर कदम बढ़ा चुकी है, वहीं अधिकारी इसे पलीता लगाने में जुटे हैं। ट्िवटर, टोल फ्री नंबर आदि पर जहां शिकायतें करने का अनुरोध किया जा रहा है वहीं राज्य के गृह मंत्री कार्यालय के अधिकारी डाक के माध्यम से ही पत्राचार करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे ही मामले की परतें सूचना अधिकार के तहत मिले जवाब में खुलीं।

प्रदेश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी), सी-फार्म, ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी), रिफंड, वैल्यू एडिड टैक्स (वैट-जिसकी जांच लोकायुक्त ने करवाई) घोटाला, रोडसाइड संबंधित शिकायतें राज्य के गृह मंत्री कार्यालय से की गई थीं। कैथल के रघुवीर ने 26 अक्टूबर 2020, 27 अक्टूबर 2020, 28 अक्टूबर 2020, 29 अक्टूबर 2020, 3 नवंबर 2020, 4 नवंबर 2020 और 6 नवंबर 2020 को ईमेल कर शिकायत भेजी थी। इन शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में प्रार्थी ने राज्य जनसूचना अधिकारी गृह मंत्री कार्यालय में 16 मार्च 2021 को आरटीआइ लगाकर ईमेल से भेजी गई शिकायतों पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी। उसने इन शिकायतों पर की गई नोटिंग और सत्यापित दस्तावेज मांगे थे। इस पर प्रथम अपील अधिकारी की ओर से 7 जून 2021 को प्रार्थी को जवाब दिया गया।

इसमें कहा गया कि डाक के माध्यम से आपकी केवल एक ही शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका जवाब 8 अप्रैल 2021 को भेज दिया गया था। इसके अतिरिक्त जो शिकायतें ईमेल पर करने का दावा किया गया है उस पर अधिकारी की ओर से जवाब दिया गया कि ईमेल की अधिकता के कारण समय-समय पर संदेशों को डिलीट कर दिया जाता है। एक तय सीमा के बाद इनबाक्स भर जाता है। ऐसे में ईमेल को ट्रेस नहीं किया जा सकता। प्रार्थी को नसीहत दी गई कि वह भविष्य में इस कार्यालय से केवल डाक के माध्यम से ही पत्राचार करें।

इस तरह सुर्खियों में रहे घोटाले

प्रदेश में कागजों में ही फर्में बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने का 1100 करोड़ से अधिक का जीएसटी घोटाला उजागर हो चुका है, जिसमें 69 फर्में फर्जी पाई गई थीं। इसी प्रकार प्रदेश में 10 हजार 618 करोड़ के वैट घोटाले में एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंपी थी। बिना कारोबार हुए सी-फार्म जारी करने के मामले में भी मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें आबकारी एवं कराधान विभाग के कई अधिकारी लिप्त हैं।

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