राज्य के गृह मंत्री नाखुश थे, आइपीएस से छिड़ चुका है डीजीपी मनोज यादव का विवाद

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए आइजी ने दायर कर रखी है याचिका हाईकोर्ट पर टिका फैसला। नशा तस्करी के लिए बनाया एंटी नारकोटिक सेल कागजों में ही होने के कारण नहीं मिले संसाधन।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:14 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:14 PM (IST)
राज्य के गृह मंत्री नाखुश थे, आइपीएस से छिड़ चुका है डीजीपी मनोज यादव का विवाद
अंबाला रेंज के आइजी रहे वाई पूर्ण कुमार और डीजीपी मनोज यादव के बीच हुआ था विवाद।

अंबाला, जेएनएन। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव से राज्य के गृह मंत्री अनिल विज भी नाखुश थे। यही कारण रहा कि विज ने कई मामलों में डीजीपी से स्पष्टीकरण ही नहीं जवाब से नाखुश होकर रिमाइंडर तक लिखे। इतना ही नहीं यादव के खिलाफ अपने ही महकमे के आइपीएस अधिकारी भी मोर्चा खोल चुके थे। अंबाला रेंज के आइजी रहे वाई पूर्ण कुमार ने तो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डीजीपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए याचिका दायर कर रखी है, जिस पर सुनवाई दो जुलाई को होनी है।

बता दें कि करीब दस माह पहले नशा तस्करी के खिलाफ एंटी नारकोटिक्स सेल का गठन किया गया था। इसके चीफ एडीजीपी श्रीकांत जाधव को बनाया गया। स्टाफ और साधनों की कमी के चलते एडीजीपी ने डीजीपी से पत्राचार किया, लेकिन समाधान नहीं हुआ। यहां तक कि नारकोटिक्स सेल को वाहन तक मुहैया नहीं कराए गए और न ही सुविधाएं। ऐसे में राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने भी डीजीपी से जवाब तलब किया था। यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि अंबाला के शहजादपुर थाने में भूमि पूजन को लेकर अंबाला रेंज के आइजी रहे वाई पूर्ण कुमार और डीजीपी मनोज यादव के बीच खींचतान शुरू हो गई। डीजीपी आइजी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। मामला इतना बढ़ गया कि आइजी ने डीजीपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए एसपी अंबाला को शिकायत दे दी। आरोप लगाया गया कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं, जिस कारण उनको प्रताडि़त किया गया। डीएसपी ने इस मामले में जांच की थी और डीजीपी को क्लीन चिट दे दी थी। हालांकि आइजी का तर्क है कि जिस एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाना चाह रहे हैं, उसमें जांच का प्रावधान ही नहीं है।

chat bot
आपका साथी