भ्रूण लिंग जांच पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की सख्‍ती, आइवीएफ सेंटरों को देना होगा पूरा रिकार्ड

आइवीएफ सेंटरों के खिलाफ स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने सख्‍ती शुरू कर दी है। हर माह आईवीएफ सेंटरों पर जन्म लेने वाले बच्चों का स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करना होगा पूरा डाटा। अल्ट्रासाउंड सेंटरों से भी मांगी डिटेल। हालांकि अभी तक आइवीएफ सेंटरों की कोई संदिग्‍ध भूमिका नजर नहीं आइ्र है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 09:38 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:38 AM (IST)
भ्रूण लिंग जांच पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की सख्‍ती, आइवीएफ सेंटरों को देना होगा पूरा रिकार्ड
आइवीएफ सेंटरों को पूरा डाटा विभाग को देना होगा।

करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में लिंगानुपात की स्थिति को सुधारने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने खामियों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। अभी तक लिंगानुपात को सुधारने के लिए जो प्रयास हुए हैं, वह नाकाफी हैं। यही कारण है कि इंद्री, घरौंडा व नीलोखेड़ी के कुछ एरिया में अभी भी लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि ओवरआल बेटियों की संख्या पहले के मुकाबले ठीक है। पिछले पांच सालों में एक हजार लड़कों के पीछे जहां बेटियों की संख्या 750 से भी कम थी आज वह बढ़कर 924 तक पहुंच गई है।

आईवीएफ सेंटरों की कोई संदिग्ध भूमिका तो नहीं है, इसको ध्यान में रखते हुए जिले के सभी सेंटर का रिकार्ड तलब किया है। अब हर माह में इन सेंटरों में जन्म लेने वाले बच्चों का डाटा देना होगा। एक माह में यहां पर कितने लड़कों व कितनी लड़कियों ने जन्म लिया है। इसके अलावा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर नजर रखी है। जिले में गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के मामले के कई केस पकड़े हैं।

सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर विशेष नजर

बेटियों का आंकड़ा बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में कार्यरत 107 केंद्रों में 67 अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। टीम द्वारा वहां पर लगातार चेकिंग की जा रही है। विभाग द्वारा इन केंद्रों पर किसी भी समय जाकर रिकॉर्ड चेक किया जा सकता हैं। इसके अलावा आइवीएफ सेंटरों पर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर है। वहां पर होने वाली डिलीवरी का ब्योरा भी विभाग ने तलब किया हुआ है।

एक हजार लड़कों के पीछे एक हजार लड़कियों का लक्ष्य

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले में लिंगानुपात का लक्ष्य एक हजार लड़कों के पीछे एक हजार लड़कियों का रखा गया है। इसके लिए गंभीरता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। प्रसव हर स्थिति में अस्पतालों में ही हों, इसके लिए नजर रखी जा रही है। विभाग का कहना है कि छापामारी के बाद लिंगानुपात में सुधार आया है। वर्तमान में लिंगानुपात 925 तक पहुंचा है। साथ ही भ्रूणहत्या रोकने के लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ आमजन भी प्रयासरत है।

अभी तक दिया जा चुका है 10 लाख से अधिक का ईनाम

लिंग जांच कराने के मामले में गुप्त सूचना देने वालों को अब तक 10 लाख रुपये का इनाम दिया जा चुका है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सूचना सही पाए जाने वाले को एक लाख रुपये नगद ईनाम का प्रावधान है। इस प्रकार 10 लोगों को इनाम देकर सम्मानित किया जा चुका है। इनका नाम गुप्त रखा गया है।

टीमों का गठन कर करेंगे अल्ट्रासाउंड व आईवीएफ केंद्रों की जांच

सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि टीमों गठन कर अल्ट्रासाउंड सेंटरों व आईवीएफ सेंटरों की जांच की जाएगी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की दिशा में कार्य करते हुए सफल रेड की जा चुकी हैं। लोगों से अपील करते हैं कि किसी को भी लिंग जांच के मामले में कोई सूचना मिलती है तो वह तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। उसका नाम गुप्त रखा जाएगा। शिकायत सच्ची पाई जाने पर उसे ईनाम भी दिया जाएगा।

chat bot
आपका साथी