हरियाणा के राज्‍यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी बच्चों को राेजगार देने लायक

Haryana Governor Bandaru Dattatreya अंबाला कैंट के बीपीएस प्लेनेटेरियम में निसा द्वारा आयोजित मंथन स्कूल लीडरशिप समिट-2021 में हरियाणा के राज्‍यपाल बंडारू दत्तात्रेय शामिल हुए। उन्‍होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को बढ़ावा दिया गया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 03:50 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 03:50 PM (IST)
हरियाणा के राज्‍यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी बच्चों को राेजगार देने लायक
अंबाला कैंट के बीपीएस प्लेनेटोरियम में राज्‍यपाल।

अंबाला, जागरण संवाददाता। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति मूल्य आधारित शिक्षा, कौशल व व्यवसायिक शिक्षा देगी ताकि बच्चों का समग्र विकास हो। यह शिक्षा नीति बच्चों को प्राइमरी और उच्च शिक्षा से उनकी रुचि के अनुसार कौशल शिक्षा देगी ताकि बच्चे बड़े होकर नौकरी ढूंढने की बजाए नौकरी देने वाले बनें। 70 साल में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा को बढ़ावा दिया गया है।

उन्‍होंने कहा, इससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सभी प्रकार की शिक्षा अपनी मातृभाषा में ग्रहण कर कंपीटिशन में आगे निकल पाएंगे। वे शनिवार को अंबाला कैंट के बीपीएस प्लेनेटोरियम में आयोजित मंथन स्कूल लीडरशिप समिट-2021 में उपस्थित नेशनल इंडिपेंडट स्कूल अलायंस (निसा) से जुड़े स्कूलों के प्रतिनिधियों को तथा शिक्षाविदों को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस दौरान कोविड 19 के संकटकाल में दौरान शिक्षा को लेकर निसा द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का भी विमोचन किया।

दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निसा द्वारा किए जा रहे कार्यों तथा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों के लिए दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सराहना की। कोविड-19 के संकटकाल के दौरान सभी वर्ग किसी न किसी रूप में प्रभावित हुए हैं और सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों की शिक्षा का हुआ है। पूरी दूनिया कोविड महामारी से जूझ रही है। हालांकि कोविड -19 प्रेरित महामारी ने हमें शिक्षा में प्रौद्योगिकी के महत्व का एहसास कराया।

उन्‍होंने कहा, एक सर्वे में पाया गया है कि 40 प्रतिशत बच्चे ही आनलाइन शिक्षा ग्रहण कर पाए हैं। ऐसे में बच्चों की शिक्षा क्षतिपूर्ति के लिए हमें सिलेबस को दोहराने की आवश्यकता है। आज कंपीटीशन का युग है। ऐसे में अंग्रेजी के मंहगे स्कूलों में पढ़े हुए बच्चे आगे निकल जाते हैं और ग्रामीण बच्चे अंग्रेजी न आने से हीनभावना का शिकार हो जाते है। ऐसे में उन बच्चों की ओर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा सरकार ने गुणवता की शिक्षा के साथ बच्चों की खेल गतिविधियों पर फोकस किया है। हरियाणा राज्य में ग्यारह सौ से अधिक सरकारी प्ले स्कूल कार्यरत हैं।

बच्चों को गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए सरकार द्वारा एक सौ सैंतीस संस्कृति माडल स्कूल खोले गये हैं। सुपर-100 कार्यक्रम के तहत गरीब मेधावी छात्रों को जेईई-नीट परीक्षा के लिए नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। इस साल सुपर-100 के 26 छात्रों को आइआइटी में दाखिले के लिए चुना गया है। यह हम सब के लिए गर्व की बात है। इस मौके पर मंडलायुक्त रेणु फूलिया, डीसी विक्रम सिंह, एसपी जशनदीप सिंह रंधावा, एडीसी सचिन गुप्ता, एसडीएम कैंट नीशू सिंघल, निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. कुलभूषण शर्मा आदि मौजूद रहे।

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