हरियाणा सरकार ने पंचायतों के खातों में डाले 316 करोड़, कार्यकाल हो चुका खत्म, सरपंच नहीं कर सकते खर्च

अब इस राशि को बीडीपीओ खर्च करेंगे। सरपंच इसका विरोध जता रहे हैं। 25 फीसद राशि स्वच्छता कार्यों में और बाकी 75 फीसद विकास कार्यों में खर्च की जानी है। गांव में गलियां नालियां स्ट्रीट लाइटें तालाब की सफाई जैसे काम करवाए जा सकते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 05:02 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 09:00 PM (IST)
हरियाणा सरकार ने पंचायतों के खातों में डाले 316 करोड़, कार्यकाल हो चुका खत्म, सरपंच नहीं कर सकते खर्च
सरपंच इस ग्रांट राशि का पिछले काफी समय से इंतजार कर रहे थे।

जींद[प्रदीप घोघड़ियां]। सरपंचों का कार्यकाल खत्म होते ही प्रदेश सरकार द्वारा 15वें वित्त आयोग की 316 करोड़ रुपये की ग्रांट राशि ग्राम पंचायतों के खाते में डाल दी गई है। इसमें 25 फीसद राशि स्वच्छता कार्यों में और बाकी 75 फीसद राशि गांव के विकास कार्यों में खर्च की जानी है। लेकिन सरपंच चाह कर भी इस राशि को खर्च नहीं कर पाएंगे। क्योंकि सरपंचों का कार्यकाल 23 फरवरी को ही खत्म हो चुका है। अब इस राशि को बीडीपीओ खर्च करेंगे। सरपंच इसका विरोध जता रहे हैं, क्योंकि इस राशि को वह खुद अपने हाथों से गांव के विकास कार्यों पर लगाना चाहते थे। 

लॉकडाउन के कारण जारी नहीं हो सकी राशि

सरकार की ओर से 15वें वित्त आयोग के तहत ग्राम पंचायतों के खातों में साल में दो बार राशि डाली जाती है। इसके तहत गांवों में विकास कार्य करवाए जाते हैं। हालांकि यह राशि ग्राम पंचायतों को पहले ही मिल जाती। लेकिन, पिछले साल मार्च महीने में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लग गया और यह राशि जारी नहीं हो पाई। अब उस समय राशि को ग्राम पंचायत के खातों में डाला गया है, जब सरपंचों का कार्यकाल ही पूरा हो गया। जिस समय राशि डाली, उसी समय पंचायती विभाग की ओर से यह पत्र जारी कर दिया गया कि पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया है, इसलिये सरपंच कोई भी नया काम शुरू नहीं कर सकते। 

आबादी के हिसाब से मिलती है ग्रांट राशि

यूं तो यह 316 करोड़ रुपये प्रदेश के सभी जिलों के लिए है, लेकिन गांव की आबादी के अनुसार यह राशि मिलती है। हर गांव को ग्रांट राशि अलग-अलग मिलती है। इस राशि से गांव में गलियों का निर्माण, पानी की निकासी के लिए नालियां, स्ट्रीट लाइटें, तालाब की सफाई जैसे छोटे-मोटे काम करवाए जा सकते हैं। आयोग से यह ग्रांट साल में दो बार मिलती है लेकिन कोरोना के कारण यह ग्रांट नहीं मिल पाई थी। 

सरपंच करते रह गए इंतजार 

सरपंच इस ग्रांट राशि का पिछले काफी समय से इंतजार कर रहे थे। सरपंचों को अपना डोंगल अपडेट करवाने के लिए कहा गया, ताकि इस राशि को निकलवाकर गांव के विकास कार्याें में लगाया जा सके। 1500 से दो हजार रुपये खर्च कर सरपंचों ने डोंगल अपडेट करवाया लेकिन राशि आने से पहले ही कार्यकाल पूरा हो गया। अब इस राशि को बीडीपीओ ही खर्च कर पाएंगे। 

पहले डाली जानी चाहिये थी राशि : संदीप 

गांव रूपगढ़ के निवर्तमान सरपंच संदीप अहलावत ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रांट राशि को पहले ही जारी किया जाना था, ताकि पंचायत प्रतिनिधि इस राशि से गांव के विकास कार्य करवा सकते लेकिन अब इस राशि को जारी किया गया है। आखिरी साल में ग्राम पंचायतों को अपेक्षाकृत कोई ग्रांट नहीं मिली, जिससे गांवों के विकास कार्य प्रभावित हुए। इससे सभी सरपंचों में काफी रोष है। 

बीडीपीओ को लगाया है प्रशासक : आरके चांदना 

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी आरके चांदना ने कहा कि सरपंचों का कार्यकाल पूरा होने के बाद संबंधित क्षेत्र के बीडीपीओ को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया है। 15वें वित्त आयोग की राशि पंचायतों के खातों में जरूर आई है। अब अगर कोई बेहद ज्यादा जरूरी कार्य होगा तो बीडीपीओ ही इस राशि से विकास कार्य करवाएंगे। 

chat bot
आपका साथी