अब हिमाचल और उत्तराखंड की विधानसभा में भी रखा जाएगा गीता का स्वरूप

खास कागज से तैयार करवाई गई गीता के पृष्ठ 100 साल तक खराब नहीं होंगे। विदेशों में गीता की शपथ लेकर काम की शुरुआत गीता प्रेमी कर रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 09:51 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 09:56 AM (IST)
अब हिमाचल और उत्तराखंड की विधानसभा में भी रखा जाएगा गीता का स्वरूप
अब हिमाचल और उत्तराखंड की विधानसभा में भी रखा जाएगा गीता का स्वरूप

पानीपत/कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। अब उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की विधानसभाओं में भी श्रीमद्भागवद गीता को रखा जाएगा। इसके लिए जिओ गीता संस्थान की ओर से एक विशेष गीता तैयार की गई है। 

आकर्षक डिजाइन में तैयार करवाई गई इस गीता के श्लोक एक खास तरह के कागज पर लिखे गए हैं, जिस कागज की 100 साल तक की गारंटी है। खासतौर पर तैयार किए गया यह कागज 100 साल तक भी खराब नहीं होगा। इतना ही नहीं इस पर खास स्याही से लिखे गए श्लोक भी सदियों तक ज्यों के त्यों रहेंगे। यही खास गीता अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर विश्व भर के नौ देशों और 15 राज्यों से आए गीता मनीषियों की उपस्थिति में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत को सौंपी गई है। इसी मौके पर हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष राजीव ङ्क्षबदल को भी यह खास गीता भेंट की गई है। 

खास डिजाइन और आकर्षक लुक 

एक खास डिजाइन और आकर्षक लुक के साथ तैयार करवाई गई गीता को एक आकर्षक स्टैंड सहित दिया गया है, ताकि इसे विधानसभा में विराजित किया जा सके। एक दिसंबर को यही गीता लोकसभा में रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को भी भेंट की गई है।  

हर आयोजन के लिए अलग-अलग साइज की गीता 

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि जिओ गीता की ओर से अलग-अलग आयोजनों के लिए अलग-अलग आकार की गीता तैयार करवाई गई हैं। हर समय साथ रखने के लिए छोटे आकार की गीता तैयार करवाई गई है। गीता पाठ करने के लिए अलग आकार की गीता है। इसी तर्ज पर लोकसभा और विधानसभा में रखने के लिए अलग आकार की गीता तैयार की गई हैं। उनका उद्देश्य है कि यह एक पवित्र स्वरूप में देश भर की विधानसभाओं में रखी जाए। गीता में सभी प्राणीमात्र के कल्याण की बात की गई है। 

विदेशी धरा पर गीता की शपथ 

लंदन से पहुंचे भारतीय मूल के उमेश ने कहा कि लंदन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ने वहां के निवासियों पर भी गीता की छाप छोड़ दी है। विदेशियों में भी गीता के ज्ञान को जानने की उत्सुकता है और वह इसकी शिक्षाओं का पालन करने लगे हैं। अब लंदन में भी वकील गीता की शपथ लेकर अपना काम शुरू कर रहे हैं। यह भारतीयों के लिए गौरव की बात है। 

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