हरियाणा में कालाबाजारी के लिए उठाया कदम, एक अप्रैल के बाद बेचे गए डीएपी खाद की होगी जांच

हरियाणा में डीएपी खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने ठोस कदम उठाया है। विभाग की टीम एक अप्रैल के बाद बेची गई डीएपी के हिसाब की जांच के लिए खाद विक्रेताओं के स्‍टॉक को चेक करेगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 05:12 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 05:12 PM (IST)
हरियाणा में कालाबाजारी के लिए उठाया कदम, एक अप्रैल के बाद बेचे गए डीएपी खाद की होगी जांच
कुरुक्षेत्र में डीएपी खाद विक्रेताओं की जांच होगी।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। हरियाणा भर में डीएपी खाद के दाम बढ़ने की चर्चाओं की बीच कालाबाजारी के अंदेशे को  देखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने मैदान में उतार खाद के स्टॉक की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए विभाग की ओर से दुकानों पर उपलब्ध स्टॉक के साथ-साथ एक अप्रैल के बाद बेचे गए डीएपी खाद के दामों की अच्छी तरह से जांच पड़ताल करने का फैसला लिया गया है। विभाग के अधिकारियों ने सभी खाद विक्रेताओं ने ऐसे किसानों का डाटा एकत्रित करना शुरू कर दिया है जिन्होंने एक अप्रैल से 25 अप्रैल तक डीएपी खाद खरीदा है।

जिला भर में 20 हजार क्विंटल के करीब पड़ा हैं पुराने दाम का डीएपी

जिला भर में खाद विक्रेताओं पर अभी भी 20 हजार क्विंटल के करीब खाद का स्टाक पड़ा है। एक अप्रैल को 26 हजार क्विंटल के करीब खाद उपलब्ध था। अब विभाग की ओर से एक अप्रैल से अभी तक बेचे गए करीब 600 क्विंटल खाद की भी जांच पड़ताल की जाएगी। इस खाद को खरीदने वाले किसानों से विभाग के अधिकारी संपर्क करेंगे।

संयुक्त निदेशक ने कुरुक्षेत्र पहुंच जांचा स्टाक

डीएपी खाद की बिक्री पर नजर रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक डा. मंजीत नैन ने रविवार को कुरुक्षेत्र पहुंच 12-13 खाद विक्रेताओं के यहां पहुंच स्टाक की जांच की। उन्होंने मौके पर उपलब्ध स्टाक की फिजिकल वेरिफिकेशन करने के साथ-साथ स्टाक पर लिखे खाद के दामों की भी अच्छी तरह से जांच की। विभाग की इस कार्रवाई को देखते हुए खाद विक्रेता भी चौकन्ने हो गए हैं। अधिकारियों ने सभी खाद विक्रेताओं के स्टाक, स्टाक रजिस्टर, पोस मशीन व बिल बुक की भी जांच की। उन्होंने कहा कि जिन डीलरों के पास पुराना स्टाक है, उसका फिजिकल वेरिफिकेशन व पोस मशीन का रिकार्ड चैक किया जा रहा है। जिन किसानों को डीएपी बेचा गया है, उनसे भी विभाग के अधिकारी संपर्क करके बेचे गए डीएपी की कीमतों पर जानकारी लेंगे। इसके साथ-साथ कोई विक्रेता बिना बिल के डीएपी बेचेगा तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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