ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में पहुंचे मनोहर लाल, पूर्व सीएम ने भी की शिरकत

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चौपड़ा की बहन की शादी में पहुंचकर नीरज व उसके परिवार को शादी की मुबारकबाद दी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को ओलिंपियन नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में मतलौडाल पहुंचे थे।

By Naveen DalalEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 10:12 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 10:12 PM (IST)
ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में पहुंचे मनोहर लाल, पूर्व सीएम ने भी की शिरकत
सीएम ने नीरज और उसके परिवार को शादी मुबारकबाद देने के साथ अपनी शुभकामनाएं दी।

मतलौडा-थर्मल (पानीपत), जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को मतलौडा में ओलिंपिक में भाला फेंक में स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की छोटी बहन संगीता की शादी में शिरकत करने पहुंचे। संगीता की शादी करनाल के रायपुर रोड़ान गांव के तेज प्रताप से हुई। सीएम ने नीरज व उसके परिवार को शादी मुबारकबाद देने के साथ अपनी शुभकामनाएं दी। सीएम इस दौरान वाया चापर मतलौडा में शादी कार्यक्रम में पहुंचे और करीब 20 मिनट तक नीरज चोपड़ा के यहां रुके। उन्होंने नीरज व उनके परिजनों से मंत्रणा भी की।

ये लोग रहे मौजूद

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, विधायक महिपाल ढांडा, पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार, एचएसएससी के सदस्य सत्यवान शेरा, भाजपा की जिला अध्यक्ष डा. अर्चना गुप्ता, डीसी सुशील सारवान, एसपी शशांक कुमार सावन, एडीसी वीना हुड्डा, जिला परिषद के सीईओ विवेक चौधरी के अलावा नीरज चोपड़ा के परिजन और अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। वहीं सीएम के आगमन को लेकर प्रशासन सतर्क दिखा। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद कर दिया गया।आलिंपियन नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में की शिरकत कांग्रेसी नेता के पुत्र के विवाह में भी पहुंचे।

इधर... पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी की ओलिंपियन नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में शिरकत

जागरण संवाददाता, पानीपत : पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को ओलिंपियन नीरज चोपड़ा की बहन की शादी में मतलौडा और कांग्रेसी नेता दीपक खटकड़ के पुत्र आशीष के विवाह समारोह में शिरकत करने पानीपत पहुंचे थे। दोनों विवाह कार्यक्रमों में क्षेत्र के लोगों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार सही समय पर फैसला लेती तो किसानों को एक साल तक सड़क पर बैठना नहीं पड़ता। आंदोलन के दौरान 700 लोगों की जान न जाती।

सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य और आंदोलनकारी किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने पर विचार करना चाहिए। मृतक किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। पंजाब सरकार ऐसा कदम उठा चुकी है। कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले को उन्होंने किसानों के लंबे संघर्ष, संयम, शांति और सत्याग्रह की जीत बताया। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश का नौजवान बेरोजगारी और सरकारी भर्ती के नाम पर महाघोटालों को झेल रहा है। तमाम भर्ती घोटालों की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

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