यमुनानगर में वन महोत्सव, सीएम मनोहर बोले- 12वीं में पौधे लगाने के आधार पर मिलेंगे असेसमेंट के अंक

यमुनानगर के जगाधरी में 72वें राज्यस्तरीय वन महोत्सव हुआ। सीएम ने फिलिपींस का उदाहरण दिया। वहां 10 पौधे लगा चुके विद्यार्थियों को ही डिग्री मिलती है। कहा कि कोरोना काल में हमें पेड़ों की अहमियत का पता चल गया है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 02:02 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 02:02 PM (IST)
यमुनानगर में वन महोत्सव, सीएम मनोहर बोले- 12वीं में पौधे लगाने के आधार पर मिलेंगे असेसमेंट के अंक
राज्य स्तरीय वन महोत्सव में सीएम मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भाग लिया।

जागरण संवाददाता, यमुनानगर।  72वें राज्यस्तरीय वन महोत्सव का आयोजन यमुनानगर में हुआ। इसमें सीएम मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हरियाली का एरिया बढ़ाने के लिए सरकार गंभीरता से काम रही है। ऐसी कई योजनाओं को धरातल दिया जा रहा है जो धरती को हरा-भरा करने में कारगर साबित हो रही है।

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जल्दी ही ऐसी योजना लाई जा रही है, जिसके तहत बारहवीं की परीक्षाओं में एसेसमेंट के अंक विद्यार्थी की ओर से लगाए गए पौधों के आधार पर मिलेंगे। फिलिपींस में ऐसा ही है। यहां विद्यार्थी को डिग्री तभी मिलती है, जब 10 पौधे लगा चुका होता है। हरियाणा में इस योजना को लागू करने की तैयारी है। संयोग से वन एवं शिक्षा दोनों विभाग मंत्री कंवरपाल के हैं। वह पहले से ही इस दिशा में काफी प्रयासरत हैं। उम्मीद है कि इस योजना को भी बेहतरी से लागू किया जाएगा। 

कोरोना काल में पौधों की अहमियत पता चली 

सीएम ने कहा कि वैसे तो प्राचीन काल से ही पेड़-पौधों का अपना महत्व रहा है। लेकिन, कोरोना काल में हमें नजदीकी से इनकी अहमियत का पता चल गया है। इसलिए हम सभी का दायित्व बनता है कि अपने जीवन काल में अधिक से अधिक पौधे लगाएं। न केवल पौधे लगाएं बल्कि तीन से पांच वर्ष तक उनकी देखभाल भी करें। उनको पानी व खाद-खुराक दें। ताकि वह फल फूलकर बड़े हों। मनुष्य को केवल अपने बारे मे ही नहीं सोचना है बल्कि वन्य जीवों के जीवन की भी चिंता करनी है। जितने अधिक पेड़ होंगे उतना ही पर्यावरण संरक्षित रहेगा। जीवों को आश्रय मिलेगा। उनको रहने व खाने का स्थान मिलेगा।

हरियाली के साथ जल संरक्षण पर फोकस

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार हरियाली के साथ-साथ जल बचाने की भी चिंता कर रही है। मेरा जल मेरी विरासत योजना के तहत किसान को प्रति एकड़ सात हजार रुपये दिए जा रहे हैं। गत वर्ष इसका लक्ष्य प्रदेश में एक लाख एकड़ धान का रकबा कम करने का था जबकि इस बार बढ़ाकर दो लाख एकड़ कर दिया है। क्योंकि धान जितनी कम लगेगी, उतना ही पानी का दोहन कम होगा। इसलिए किसानों को चाहिए कि वैक्ल्पिक फसलों को अधिक तरजीह दें। मौके पर वन पर्यटन एवं शिक्षामंत्री कंवर पाल, सांसद रतन लाल कटारिया, विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, मेयर मदन चौहान, व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राम निवास गर्ग, चेयरपर्सन रोजी मलिक आनंद व अन्य उपस्थित थे।

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