हरियाणा सीएम का फैसला, सीवर के पानी को शोधित कर बिजली संयंत्रों, भवन निर्माण और उद्योगों में होगी सप्लाई

सीवर के पानी को शोधित कर अब बिजली संयंंत्रो भवन निर्माण और उद्योगों में सप्‍लाई किया जाएगा। उपचारित अपशिष्ट जल का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण बनेगा। भविष्य में पीने योग्य पानी को बचाने के लिए शोधित जल के इस्तेमाल पर किया फोकस।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 07:20 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 07:20 PM (IST)
हरियाणा सीएम का फैसला, सीवर के पानी को शोधित कर बिजली संयंत्रों, भवन निर्माण और उद्योगों में होगी सप्लाई
चंडीगढ़ में शोधित जल के इस्तेमाल को लेकर अधिकारियों की बैठक लेते मुख्यमंत्री मनोहर लाल।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सीवरेज से निकले उपचारित अपशिष्ट जल का इस्तेमाल अब खेती के साथ ही बिजली संयंत्रों, भवन निर्माण और उद्योगों में भी इस्तेमाल किया जाएगा। उपचारित अपशिष्ट जल का अधिकतम इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण गठित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को अपशिष्ट जल के पुन: इस्तेमाल संबंधी समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने तकनीकी पहलुओं को भी समझा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में जल संकट को देखते हुए जहां-जहां पर शोधित जल का उपयोग किया जा सकता है, वहां पर अधिक से अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने के लिए योजना बनाकर कार्य करें। संबंधित विभागों के अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाकर इस काम को सिरे चढ़ाया जाए। प्राधिकरण संबंधित विभागों, स्थानीय निकायों, हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) एवं अन्य प्राधिकरणों के साथ तालमेल बनाकर योजना को आगे बढ़ाएगा।

पीने योग्य पानी की अधिक से अधिक बचत हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर प्लांट में इस्तेमाल किए जाने के लिए शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इसके लिए जो भी आवश्यक तकनीक या इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना हो, उसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इससे पीने योग्य पानी की अधिक से अधिक बचत हो सकेगी। इसके अलावा औद्योगिक क्लस्टरों तथा भवन निर्माण साइटों पर भी शोधित जल की आपूर्ति की जानी चाहिए। इस दौरान मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास, ङ्क्षसचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने भी अपनी बात रखी।

बता दें कि जल बचाओ कल बचाओ योजना के तहत सरकार ने 86 वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित करने का काम किया। सरकार ने सूक्ष्म सिचाई कोष के तहत 1200 करोड़ रुपये के चार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए। साथ ही कई जिलों के कस्‍बों में सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट पर काम चल रहा है। जल्‍द ही इसका फायदा भी मिलने लगेगा।

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