बिजली चोरी रोकने में निगम फेल : थाना में दर्ज होने वाले मामलों की आई बाढ़, ढ़ाई हजार से अधिक डिफाल्टर

बिजली चोरी रोकने में बिजली निगम फेल होता दिख रहा है। थाना में दर्ज होने वाले मामलों में बढ़ोत्‍तरी आई है। सिंचाई एवं बिजली विभाग विजिलेंस थाना में अब तक छह हजार मामले हो चुके दर्ज 15 करोड़ से अधिक की जा चुकी रिकवरी।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 05:17 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 05:17 PM (IST)
बिजली चोरी रोकने में निगम फेल : थाना में दर्ज होने वाले मामलों की आई बाढ़, ढ़ाई हजार से अधिक डिफाल्टर
बिजली चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे।

अंबाला, जेएनएन। अंबाला में बिजली चोरी रूकने का नाम नहीं ले रही। बिजली निगम इस चोरी को रोकने में फेल हो चुका है। वहीं अंबाला शहर में स्थित सिंचाई एवं बिजली विभाग विजिलेंस थाना के आंकड़ों पर गौर करे तों जब से थाना बना है तब से अब तक करीब छह हजार लोगों के खिलाफ बिजली चोरी के मुकदमें दर्ज हो चुके जिनसे 15 करोड़ से अधिक जुर्माने की रिकवरी की गई। इसके अलावा ढाई हजार लोग ऐसे हैं जिनसे रिकवरी करना बाकी है, ऐसे लोग डिफाल्टर लिस्ट में आ चुके हैं। ऐसे में इनपर गाज गिर सकती है, अगर तय समय के मुताबिक इन डिफाल्टरों ने बिजली निगम का जुर्माना अदा नहीं किया तो ये जेल जाएंगे। वहीं आंकड़ों के मुताबिक ज्यादातर बिजली चोरी ग्रामीण क्षेत्र में हो रही है। लोगों ने बिजली चोरी करने का जुगाड़ इस तरह से किया हुआ है रेड करने गए कर्मचारी भी दंग रह जाते हैं। यही नहीं दर्ज हुए इन मुकदमों में कई ऐसे हैं जिन्होंने मीटर से लेकर अपने घर तक बिजली की तार या फिर घर की छत से साथ लगती सरकारी बिल्डिंग से बिजली चोरी करते हुए पाया है।

ऐसे दर्ज किया जाता है मामला

बिजली निगम की तरफ से जब बिजली चोरी को पकड़ने के लिए टीम क्षेत्र में जाती है, वहां चोरी पकड़ने के बाद आरोपित व्यक्ति के खिलाफ लाइन लोस का फार्म भरने के बाद कार्यालय में आकर एसडीओ की नोटिस में डाला जाता है। इसके बाद आरोपित के खिलाफ ऑनलाइन सिंचाई एवं बिजली निगम विजिलेंस थाना में शिकायत को भेजा जाता है उसके बाद आरोपित के खिलाफ थाना में केस दर्ज किया जाता है। इसके बाद थाना की तरफ से टीम बनाई जाती है उसके बाद जिस एरिया से शिकायत आती है वहां जाकर कर्मचारी रेड करते हैं।

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