गुरु गोविद सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे: सांसद संजय भाटिया

राक्सेड़ा के गुरु गोविद सिंह गुरुद्वारा के मुहूर्त समारोह में शामिल होकर मुख्यातिथि सांसद संजय भाटिया ने रिबन काटा। अरदास कर माथा टेका। मेजबान ने कृपाण और स्मृति चिन्ह से उनका स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 08 Jul 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 07:51 AM (IST)
गुरु गोविद सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे: सांसद संजय भाटिया
गुरु गोविद सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे: सांसद संजय भाटिया

जागरण संवाददाता, समालखा : राक्सेड़ा के गुरु गोविद सिंह गुरुद्वारा के मुहूर्त समारोह में शामिल होकर मुख्यातिथि सांसद संजय भाटिया ने रिबन काटा। अरदास कर माथा टेका। मेजबान ने कृपाण और स्मृति चिन्ह से उनका स्वागत किया। सांसद ने कहा कि गुरु गोविद सिंह सिखों के 10वें गुरु हुए। पिता गुरु तेग बहादुर की शहादत के बाद उन्हें 17वीं शताब्दी के अंत में गुरु बनाया गया। उनके जन्म दिन को समाज के लोगों द्वारा प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। वे महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक सचेतक थे। उन्होंने धर्म और समाज की रक्षा के लिए अपनी और स्वजनों की कुर्बानी दी, जो सबसे संभव नहीं है। समाज की रक्षा के लिए खालसा पंथ की स्थापना कर उसके प्रथम सेनापति बने। उन्होंने कहा कि उनकी ²ढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादे सहित संगठनात्मक शक्ति के आगे दुश्मनों के दांत खट्टे हो जाते थे। इस अवसर पर विनोद छौक्कर, कृष्ण छौक्कर, नूरजहां, इरफान आदि मौजूद थे।

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