हरियाणा के किसानों में बढ़ रहा नेट-पॉली हाउस का रुझान, सब्सिडी भी मिल रही, इनकम भी बेहतर
हरियाणा के किसानों में नेट पाॅली हाउस का रुझान बढ़ रहा है। 65 फीसदी सब्सिडी से किसान नेट-पोली हाउस की तरफ रुख कर रहे है। अंबाला में तीन साल में 77 एकड़ में लगाए गए नेट और पोली हाउस।
अंबाला, जागरण संवाददाता। नेट और पॉली हाउस पर योजना के मुताबिक 65 फीसदी दी जा रही है। इससे किसानों का इसमें रूझान बढ़ने लगा है। इसमें किसान पुरानी परंपरा छोड़ जिसमें गेहूं-धान को छोड़ हरी सब्जियों की ओर रूख हो रहा है। इसी तर्ज पर नेट और पॉली हाउस लगवाए जा रहे हैं। जिसमें धान गेहूं के मुकाबले अधिक इनकम की जा रही है। पिछले तीन सालों पर नजर मारे तो 83 किसानों ने लाभ उठाया। जिन्होंने 77 एकड़ में नेट और पोली हाउस लगवाए गए।
बता दें कि नेट हाउस और पोली हाउस पर सरकार की ओर से 65 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार देती है और 15 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार देती है। बागवानी विभाग से 65 प्रतिशत सब्सिडी लेकर किसान काम शुरू करते है। शुरुआत में 20 लाख रुपये का प्रोजेक्ट है। इसके बाद 65 प्रतिशत सरकार की ओर से वापस मिल जाते है। गेहूं और धान को बदल कर अन्य सब्जियां करने से खेतों में दोबारा उपजारू शक्ति बन जाती है।
पुरानी परंपरा के तहत खेती करने पर पैदावार घटने लगी है। इसी को देखते हुए किसानों ने फसल चक्र विधि अपनाना शुरू किया है। किसान इंद्रजीत सिंह ने बताया कि यदि एक एकड़ जमीन में नेट हाउस के जरिए वे 10 लाख रुपये सालाना आमदनी कमा लेते हैं। जितना गेहूं और धान से कमा नहीं सकते हैं। किसानों का कहना है कि समय के साथ किसानों को बदलना जरूरी है। खेती घाटे का सौदा नहीं है, यदि बेहतरी से और समय की मांग के अनुरूप किया जाए।
83 किसानों ने उठाया लाभ
2018-19 में 16 किसानों ने लाभ उठाया था। जिसमें 1 5 एकड़ में पॉली हाउस लगवाए गए थे। 2019-20 में 51 किसानों ने लाभ उठाया था जिन्होंने 48 एकड़ में पाेलीहाउस लगवाया था। वहीं 2020-21 में 16 किसानों ने लाभ उठाया, जिसमें 14 एकड़ में पोलीहाउस लगवाया गया था।
ये चाहिए दस्तावेज
नेट या पोलीहाउस के लिए पहले किसानों को दस्तावेजों की प्रकिया पूरी करनी पड़ती है। जिसमें किसानों को यह दस्तावेज चाहिए होते है। जिनमें मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण, दो फोटो, आधार कार्ड, मिट्टी पानी की जांच रिपोर्ट, नेट हाउस का नक्शा।
नेट हाउस की तरफ किसानों का रुझान है। किसान नेट हाउस के जरिए टमाटर, खीरा, मिर्च की खेती करते हैं। विभाग की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है। ताकि किसान को किसी प्रकार की परेशानी न हो। लोगों का रुझान बढ़ रहा है।
डा.अजेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, अंबाला शहर।