इतिहास और महापुरुषों से रूबरू करवाएंगे करनाल के भव्य स्वागत द्वार, बन रहे आठ विशाल गेट

करनाल में भव्य स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। ये द्वार इतिहास और महापुरुषों से रूबरू कराएंगे। श्रीमद् भगवत गीता द्वार व कर्ण द्वार के बाद पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वार भी बनकर तैयार हो चुका है। शेष पांच द्वारों पर चल रहा है काम।

By Anurag ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 04:57 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 04:57 PM (IST)
इतिहास और महापुरुषों से रूबरू करवाएंगे करनाल के भव्य स्वागत द्वार, बन रहे आठ विशाल गेट
नक रोड पर अंतरिक्ष वैज्ञानिक और करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम से भव्य गेट।

करनाल, जागरण संवाददाता। नगर निगम करनाल की ओर से शहर के भिन्न-भिन्न प्रवेश मार्गों पर महापुरूषों के नाम से बनाए जा रहे स्वागत गेट, अध्यात्म, धर्म-संस्कृति, इतिहास, समाज व विज्ञान का संगम हैं। इनसे कर्ण नगरी का प्राचीन एवं वैभवशाली इतिहास जीवंत होगा तथा भावी पीढ़ी को जीवन में सत्य, अहिंसा, प्रेम, ज्ञान एवं प्रतिभा के गुणो को आत्मसार करने की प्रेरणा मिलेगी।

निर्माणाधीन द्वारों का काम तेजी से हो रहा है। अब तक दो द्वार मुकम्मल हो चुके हैं। एक द्वार का काम लगभग पूरा हो चुका है। इसका जल्द ही उद्घाटन भी करवाया जाएगा। दो द्वार का कार्य प्रगति पर और तीन गेटों का निर्माण जल्द शुरू होगा।

शहर की आठ अलग-अलग एंट्री यानि प्रवेश पर विशाल गेट बनाए जा रहे हैं। इनमें बलड़ी बाइपास पर श्रीमद् भगवद गीता द्वार के नाम से तथा नमस्ते चौक पर महाराजा कर्ण के नाम से विशाल गेट बनकर तैयार हो गए थे। तीसरा गेट शहर की मेरठ रोड पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से बनकर तैयार होने वाला है। यह गेट लगभग बनकर तैयार हो चुका है। इंद्री रोड पर श्री आत्म मनोहर जैन मुनि को समर्पित घंटाकर्ण द्वार व कुंजपुरा रोड पर ज्ञान एवं विद्यादायिनी मां सरस्वती के नाम से गेट निर्माणाधीन हैं। शेष तीन गेटों पर जल्द ही काम शुरू होने वाला है। इनमें करनाल-कैथल रोड (चिडाव मोड) पर गुरु नानक देव जी के नाम से एक गेट बनेगा। इसी प्रकार शहर की मूनक रोड पर अंतरिक्ष वैज्ञानिक और करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम से भव्य गेट बनाया जाएगा। करनाल-काछवा रोड पर भी एक स्वागत द्वार बनाया जाना है, इसके निर्माण की निशानदेही हो गई है, जल्द ही इस पर काम शुरू होगा। नए गेटों की ऊंचाई करीब 22 फुट और चौड़ाई मौजूदा सड़क के मुताबिक ली गई है। चार गेटों के निर्माण में करीब दो करोड़ रुपये की लागत आएगी।

चार नए गेट अलग-अलग नाम से बनकर होंगे तैयार

आठ में से चार नए गेट अलग-अलग नाम से हैं। इनकी पृष्ठ भूमि भी अलग-अलग ही है। चिडाव मोड पर बनने वाला गेट 15वीं सदी के महान संत गुरु नानक देव जी के नाम पर लिया गया है। करनाल-कुंजपुरा रोड पर विद्यादायिनी मां सरस्वती के नाम पर निर्माणाधीन गेट अगले कुछ माह में बनकर तैयार हो जाएगा। सातवां द्वार करनाल-मूनक रोड पर महान अंतरिक्ष वैज्ञानिक तथा करनाल की बेटी कल्पना चावला के नाम से बनकर तैयार होगा। आठवां गेट करनाल-काछवा रोड पर स्वामी विवेकानंद द्वार के नाम से बनाया जाएगा।

भारत में गेटों का है प्राचीन इतिहास

भारत में गेटों का प्राचीन इतिहास है। देश के असम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में करीब 100 प्रसिद्ध गेट हैं। इनमें दिल्ली का इंडिया गेट, मुंबई का गेट वे ऑफ इंडिया, फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा, पटना का सभ्यता द्वार, औरंगाबाद का मकाई गेट, फैजाबाद को गुलाब बाड़ी, भाव नगर का अक्षय द्वार, वाराणसी का लाल दरवाजा, असम का नार्थ ब्रुक गेट, कर्नाटक का दरिया दौलद बाग गेट, मध्य प्रदेश का सांची गेट, पंजाब का नूर महल सराय गेट, तेलंगाना का चौमहल्ला पैलेस गेट तथा राजस्थान का अजमेरी गेट पयर्टन स्थल के रूप में विख्यात हैं।

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