Good News: दिवाली से पहले महंगाई से राहत, सरसों और रिफाइंड का तेल होने लगा सस्ता
सरसों और रिफाइंड तेल की कीमतें भी घटी हैं। सरकार ने 15 रुपये आयात ड्यूटी कम की है। उसके बाद बड़ी कंपनियों ने रिफाइंड के भाव पांच से छह रुपये कम किए हैं। लोगों का कहना है कि 15 रुपये ही कम किए जाने चाहिए।
पानीपत, जागरण संवाददाता। लंबे समय के बाद सरसों के तेल और रिफाइंड के दाम में कमी दर्ज की गई है। 190 रुपये प्रति लीटर का भाव पार कर चुका सरसों का तेल 175 रुपये बिक रहा है। दामों में कमी आने का कारण आयात शुल्क में की गई कटौती को माना जा रहा है। 155 रुपये प्रति लीटर में बिक रहा रिफाइंड अब 150 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। त्योहारी सीजन में यह कीमतें रसोई को राहत देने वाली हैं। अरहर समेत विभिन्न दालों की कीमतें भी कम हुई हैं। लंबे समय बाद सरसों तेल की कीमतों में कमी आई है।
रिफाइंड की कीमतें भी घटी हैं। सरकार ने 15 रुपये आयात ड्यूटी कम की है। उसके बाद बड़ी कंपनियों ने रिफाइंड के भाव पांच से छह रुपये कम किए हैं। लोगों का कहना है कि 15 रुपये कम किए जाने चाहिए। दालों में 4-5 रुपये किलो का मंदा है। थोक कारोबारी राकेश गर्ग ने बताया कि दालों में 4-5 रुपये किलो का मंदा दर्ज किया गया है। इस प्रकार त्योहारों में लोगों को दाल, रिफाइंड, व अन्य खाद्य तेल के दाम घटने से राहत मिलेगी।
फुटकर मंडी का हाल
खाद्य तेल पहले अब फारच्यून रिफाइंड 155 145 से 150 (नोट : कीमत प्रति लीटर में है)
दालें भी हुईं ढीली
दाल एक माह पहले अब
अरहर दाल 100-95
चने की दाल 75-72
मूंग दाल धुली 97-95
छोला अव्वल 106 105
(नोट : कीमत प्रति किलोग्राम में है)
इसलिए महंगा हो गया था तेल
दरअसल,सरसों की फसल को किसानों ने मंडी में बेचा नहीं। क्योंकि वहां पर एमएसपी पर कीमत मिल रही थी। जबकि बाजार भाव उससे दो से तीन गुना था। किसानों ने सीधे बाजार में सरसों की फसल बेची। इस वजह से सरकारी कंपनी को फसल नहीं मिली। बाजार में व्यापारियों ने फसल खरीदी तो तेल भी महंगा ही बाजार में पहुंचा। हालांकि किसानों को जरूर इसका बड़ा फायदा हुआ।
दिवाली से पहले महंगाई से राहत
भारत में इस समय त्योहारों का सीजन है, दिवाली आने को है। दिवाली से ठीक पहले कमर तोड़ रही महंगाई से लोगों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। सरसों और रिफाइंड तेल सस्ता होने लगा है। वहीं दालों के भाव भी कम हो गए हैं।