किचन से जुड़ी अच्छी खबर, प्याज की कीमतें थमने लगीं, क्योंकि स्टाक नहीं रख सकेंगे
लगातार बढ़ रहे प्याज के दाम को लेकर सरकार ने बेहतर प्रयास किया है। सरकार के एक फैसले से कीमते स्थिर हो गई हैं। वहीं अब आगे भी प्याज के दाम बढ़ने के आसार कम हो गए हैं।
पानीपत, जेएनएन। आपके किचन के लिए अच्छी खबर है। अब तक प्याज लगातार महंगा होता जा रहा है। सरकार के एक फैसले से कीमतें स्थिर हो गई हैं। आगे भी बढ़ने के आसार कम हैं। दरअसल, व्यापारियों पर स्टाक सीमा लागू हो गई है। तेजी थम गई है। प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए केंद्र सकार ने ये फैसले लिए हैं। प्याज की स्टाक सीमा लागू होने से जमाखोरी पर रोक लग सकेगी। थोक व खुदरा व्यापारी की अलग-अलग स्टाक सीमा निर्धारित की गई है।
केंद्र सरकार ने थोक व्यापारी के लिए प्याज की स्टाक सीमा 25 मीट्रिक टन और छोटे कारोबारी के लिए दो मीट्रिक टन की स्टाक सीमा निर्धारित की है। ये महत्वपूर्ण फैसले 31 दिसंबर तक लागू होंगे। पानीपत के आढ़ती प्रेम कुमार ने बताया कि 15 लाख टन प्याज का निर्यात होने व महाराष्ट् में बारिश से फसल ख्राब होने के कारण प्याज की कमी चल रही है। प्याज का भाव 80 रुपये किलो तक पहुंच गया है।
सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे
हालांकि इस वर्ष ज्यादातर सब्जियों के दाम में एतिहासिक तेजी रही। 400 रुपये तक धनिया, 150 रुपये तक मटर, 60 रुपये टमाटर, 40 आलू, 120 शिमला मिर्च के भाव रहे। कोई भी सब्जी 40 रुपये किलो से नीचे नहीं बिकी।
प्याज हर वर्ष रुलाता है
प्याज की कीमतें हर वर्ष बढ़ती हैं। एक बार दाम बढ़ने लगता है कि स्टाक करने वाले गोदाम भर लेते हैं। इसके बाद खुद ही दाम बढ़ाते चले जाते हैं। यहां तक की रेहड़ियों पर भी दो से तीन गुना तक दाम बढ़ जाते हैं। सब्जी मंडी में फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों को कुछ लाभ नहीं होता। उन्हें अपनी लागत निकालनी मुश्किल हो जाती है, दूसरी तरफ बिचौलियों को बिना कुछ मेहनत किए लाखों रुपये कमाने का मौका मिल जाता है। इस सबमें पिसता है आम उपभोक्ता।
सरकार करे नियंत्रण
लोगों का कहना है कि सरकार को प्याज के दाम पर नियंत्रण करना चाहिए। इस पर रोक तभी लगेगी, जब बिचौलियों और स्टाक करने वालों पर कार्रवाई होगी। अभी कार्रवाई नहीं होने के कारण स्टाक करने वालों पर असर नहीं होता।